सम-विषम के दौरान ट्रैफिक कम नहीं होने की जांच करेगी समिति
सम विषम फॉर्मूले की जांच के लिए जिस समिति का गठन किया गया है उसकी अध्यक्षता परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त के के दहिया करेंगे जबकि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के डिप्टी सीजीएम अनुज सिन्हा, डीआईएमटीएस के अतिरिक्त उपाध्यक्ष सी के गोयल, डीसीपी (ट्रैफिक) ए के सिंह, डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक विकास कुमार और शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक सुनीता कौशिक इसके सदस्य होंगे। परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस कदम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सरकार जब भी सम-विषम योजना का अगला चरण लागू करे तो सारे इंतजाम किए गए हों।
इसके साथ ही सीएनजी स्टिकर लगाकर दिल्ली की सड़कों पर चलने वाली कारों की जांच करने के लिए प्रदेश सरकार मंगलवार को विशेष अभियान चलाएगी। सरकार को शिकायतें मिली हैं कि कार चालक फर्जी सीएनजी स्टिकरों का प्रयोग कर रहे हैं।
सम-विषम फॉर्मूले का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ है और इस दौरान सीएनजी से चलने वाली कारों को पूरी छूट मिली हुई है। परिवहन मंत्री गोपाल राय के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पर आज हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। राय ने संवाददाताओं से कहा, सरकार ने मंगलवार को राजधानी में सीएनजी स्टिकर वाली कारों के लिए विशेष जांच अभियान चलाने का फैसला लिया है। फर्जी स्टिकर मिलने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
परिवहन मंत्री ने कहा कि ऐसे दोषियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और सम-विषम फॉर्मूले के तहत उनसे 2,000 रुपये जुर्माना लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कारों की जांच के लिए सरकार 1,000 निगरानी किट जारी करेगी। सरकार ने इस काम के लिए इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के एक अधिकारी को नोडल अफसर नियुक्त किया है।
राय ने कहा कि जनवरी में सम-विषम योजना के पहले चरण के दौरान स्कूल बंद रखे गए थे और मौसम सुहावना था, लेकिन दूसरे चरण के दौरान स्कूल खुले हुए हैं और गर्मी काफी है, जिसकी वजह से ट्रैफिक जाम की समस्या आ रही है।
मंत्री ने कहा, जनवरी में स्कूल बंद होने के कारण करीब 2,500 स्कूल बसें सड़कों पर नहीं आई थीं। इसके अलावा, जाड़े का मौसम होने के कारण लोग कम दूरी का सफर पैदल ही तय कर लेते थे। लेकिन अब लोग उतनी ही दूरी के लिए बाइक, कार और टैक्सी का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या बनी हुई है।