व्यापम की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे दिग्विजय
पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने बताया कि इस मामले में 24 आरोपियों और गवाहों की मौत होने के कारण मामला संदेहास्पद बनता जा रहा है इसलिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी पड़ी है। कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि मामले की जांच कर रही पुलिस की विशेष जांच टीम मामले के फैलाव को देखते हुए खुद को असहाय पा रही है क्योंकि इसमें पुलिस के शीर्ष अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और भाजपा तथा संघ के बड़े नेता शामिल हैं।
गौरतलब है कि व्यापमं घोटाले के दो आरोपियों की रविवार को हुई मौत की जांच कराने की मांग को खारिज करते हुए राज्य के गृहमंत्री बाबू लाल गौर ने सोमवार को कहा था कि मृत्यु एक स्वाभाविक घटना है। दुनिया में जो आता है, उसे जाना ही होता है। उन्होंने व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने की विपक्षी कांग्रेस की मांग को भी खारिज कर दिया और दावा किया कि राज्य की भाजपा सरकार के आदेश पर चल रही जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार घोटाले में आरोपियों और गवाहों की बड़ी संख्या में रहस्यमय स्थिति में मौत की जांच का आदेश देने पर विचार कर रही है, गौर ने कहा, मौत स्वाभाविक है.... यह जेल में हो या रेल में। जो आया है, उसे जाना ही है...। व्यापमं मामले के सैकड़ों आरोपियों में से दो की रविवार को मौत हो गई थी। इसके साथ ही इस मामले में मृत आरोपियों और गवाहों की संख्या बढ़कर 25 हो गयी है। व्यापमं मामलों की जांच कर रही विशेष जांच टीम ने तीन दिन पहले मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय को 23 ऐससे लोगों की सूची सौंपी थी जो इस घोटाले में आरोपी थे और जिनकी अस्वाभाविक मौत हुई।