राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में 'शिव भक्ति' के साथ किया चुनावी अभियान का आगाज
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का सोमवार को भोपाल में होने वाला रोड शो शुरू हो गया है। शंखनाद, राहुल की शिव भक्ति के पोस्टर, कार्यकर्ताओं के हाथ में गणेश प्रतिमा के लगे पोस्टरों से साफ हो गया है कि गुजरात के बाद मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चलेगी।
विशेष विमान से भोपाल पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भोपाल में लालघाटी से दशहरा मैदान तक करीब 13 किलोमीटर के रोड शो के साथ पार्टी चुनाव अभियान का आगाज किया। रोड शो से पहले शहर भर में राहुल गांधी के बड़े बड़े पोस्टर लगाए गए हैं। कई पोस्टर में राहुल गांधी को भगवान शिव के भक्त के रूप में दिखाया गया है।
Madhya Pradesh: Posters and cutouts of Congress President Rahul Gandhi and other party leaders seen in Bhopal ahead of his roadshow in the city today pic.twitter.com/3sjkEkgd55
— ANI (@ANI) September 17, 2018
21 पंडितों ने कराया मंत्रोचार
लालघाटी चौराहे पर 21 पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार के बीच 11 कन्याओं ने तिलक लगाकर राहुल गांधी की आरती उतारी और उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे। यहां से राहुल गांधी बस में सवार हुए। बस में उनके साथ कमलनाथ व सिंधिया के अलावा प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अजय सिंह, अरुण यादव, विवेक तनखा, कांतिलाल भूरिया, राजमणि पटेल व आरिफ अकील मौजूद हैं। राहुल गांधी के इस रोड शो और सभा के लिए प्रदेशभर से कांग्रेसी भोपाल पहुंचे हैं। इस दौरे को लेकर कांग्रेसियों में जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है।
चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरेंगे राहुल
कैलाश मानसरोवर की यात्रा के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहली बार भोपाल दौरे पर आ रहे हैं। वो यहां पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर उनमें चुनाव को लेकर नई ऊर्जा भरेंगे। विधानसभा चुनाव के लिहाज से कार्यकर्ताओं से उनके संवाद कार्यक्रम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कट आउट में दिग्विजय सिंह को नहीं दी गई तरजीह
राहुल के स्वागत के लिए शहर में जो कट आउट और पोस्टर लगाए गए हैं उनमें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को तरजीह नहीं दी गई है. इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि दो महीने बाद यहां होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी कोई भूमिका नहीं है। दिग्विजय सिंह 1994 से 2004 तक लगातार 10 साल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं।