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16 September 2017

किसान पुरस्कार ठुकराने पर कांग्रेस बोली- बाबूलाल के हौसले को सलाम, शिवराज सरकार को दिखाया आइना

मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद कमलनाथ ने प्रदेश के ख्याति प्राप्त किसान द्वारा ठुकराए पुरस्कार पर तंज कसा है। अपने एक ट्वीट में कमलनाथ ने कहा है कि प्रदेश में किसानों के बदतर हालातों पर सम्मान ठुकराकर, शिवराज सरकार को आइना दिखाने वाले सतना के किसान बाबूलाल दाहिया के हौसले को सलाम।

सतना जिले के पिथौराबाद गांव के रहने वाले बाबूलाल दाहिया ने अपनी मेहनत के दम से जैविक खेती कर 125 किस्म की परंपरागत बीजों को न केवल संरक्षित किया है, बल्कि वो अन्य किसानों को कृषि सम्बन्धी सेवाएं और सहायता नि:शुल्क उपलब्ध कराते हैं। 73 वर्षीय बाबूलाल के पास 8 एकड़ जमीन है, जिसमें वह जैविक खेती करते हैं। पूर्व डाक कर्मचारी, बाबूलाल के पास आज देसी धान की 110 किस्मों का खजाना है।

सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि वर्ष 2015 में हुई 400 मिलीमीटर बारिश और सूखे के प्रकोप के बावजूद दाहिया की मेहनत और लगन रंग लाई और उनके खेत में लगी लगभग 30 किस्मों की परंपरागत बीजों सूखे की चपेट में आने से बच गई।

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बाबूलाल के परंपरागत बीजों और खेती को लेकर किए गए उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार दाहिया को प्रदेश के प्रतिष्ठित ‘कृषि कर्मठ अवॉर्ड’ से सम्मानित करना चाहती थी, पर सतना जिले के किसान बाबूलाल दाहिया ने 'किसान पुत्र' मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों कृषि कर्मठ पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया है।

दाहिया का कहना है कि जिस सरकार ने किसानों पर गोलियां चलवाई हों, जिस प्रदेश में किसान आत्महत्या कर रहे हो, उनसे मैं सम्मान कैसे स्वीकार कर सकता हूं। किसान बाबूलाल दाहिया आगे कहते हैं, मैं सम्मान लेकर  किसानों का अपमान नहीं कर सकता।

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TAGS: Congress, satire, MP govt, Farmer Babulal, rejects, 'Krishi Karmath Award'
OUTLOOK 16 September, 2017
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