Advertisement
25 June 2017

राजस्थान की राजनीति में क्यों खलबली मचा सकता है यह एनकाउंटर?

FILE PHOTO

- रामगोपाल बूरी

राजस्थान पुलिस के लिए सिरदर्द बने पांच लाख के इनामी बदमाश आनंदपाल सिंह का स्पेशल आॅपरेशनंस ग्रुप के कमांडोज ने शनिवार की रात करीब 10.30 बजे एनकाउंटर कर दिया। इस एनकाउंटर के बाद एक ओर जहां राजस्थान सरकार के गृहमंत्री गुलाबंचद कटारिया ने राहत की सांस ली होगी, वहीं जिस काम के लिए राजस्थान के दबंग आईपीएस दिनेश एमएन को एसओजी में लगाया गया था, वह भी पूरा हो गया है।

पुलिस मुठभेड़ में आनंदपाल की मौत राजस्थान की राजनीति में खलबली मचा सकती है। इसकी वजह यह है कि राजस्थान में भाजपा नेताओं पर उसकी मदद करने के आरोप लग रहे थे। दो साल पहले वह पुलिसवालों की आंखों में धूल झोंककर जिस तरीके से फरार हुआ था, उससे राजस्थान सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। इतना ही नहीं अपराध की दुनिया में रुतबा कायम करते हुए वह शेखावाटी इलाके और राजपूत समाज के बहुत से लोगों का हीरो बन गया था। उसके इरादे इतने बुलंद कि फेसबुक पर ऐलान कर वारदातों को अंजाम देेता था। शान से अपनी खबरें और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करता और उसके किस्से बड़ी शान से सुनाए जाने लगे थे। चुनावी साल में वसुुंधरा राजे सरकार पर उसकी गिरफ्तारी का दबाव लगातार बढ़ रहा था।

Advertisement

कौन था आनंदपाल?

आनंदपाल राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील के एक छोटे से गांव का रहने वाला था। शुुरुआत में उसने पंचायत चुनाव लड़ा, लेकिन बाद में अपराध की दुनिया में आ गया। 27 जून, 2006 को डीडवाना के गोदारा मार्केट में जीवन गोदारा, हरफूल जाट और पप्पू मेघवाल सरेआम गोलियों से भूनकर की हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद आनंदपाल सिंह अपराध की दुनिया में चर्चित नाम हो गया। इससे पहले जीवन गोदारा और आनंदपाल साथ मिलकर शराब तस्करी करते थे। लेकिन रुपयों के लेनदेन और फिर इलाके में घुसपैठ को लेकर दोनों के बीच अनबन हो गई। उसी दौरान राजू ठेहठ नामक बदमाश से भी आनंदपाल की दुश्मनी हो गई। बाद में जेल में ही आनंदपाल पर गोलिया चलाई गई थी, जिसमें वह बच गया था, लेकिन उसका एक साथी मारा गया  था। आनंदपाल का जानी दुश्मन राजू ठेहठ आज भी जेल में बंद है।

अपराध और राजनीति 

नागौर के ही खींवसर से निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री यूनुस खान पर आनंदपाल से गहरे ताल्लुकात होने के आरोप लगाए थे। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, राजस्थान के एमएलए हनुमान बेनीवाल सहित करीब दो दर्जन लोगों को उससे जान का खतरा था। इसलिए आनंदपाल की गिरफ्तारी न होने से जाट समाज के लोगों में भी नाराजगी थी। 

आनंदपाल केे खात्मे से वसुंधरा राजे सरकार और गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को राहत की सांस जरूर मिलेगी। साथ ही इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहलेे बेनीवाल और विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा खत्म हो चुका है। लेकिन यह एनकाउंटर शेखावाटी इलाके में दो प्रमुख जातियों के बीच कटुता बढ़ा सकता है।  

कैसे मारा गया आनंदपाल?

करीब डेढ साल से फरार चल रहे इस कुख्यात अपराधी के लिए एसओजी ने जोरदार चपलता व चालाकी दिखाई। एसओजी के करीब आधा दर्जन आला अधिकारियों की टीम बीते सात दिन से इस काम में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी। सबसे पहले नागौर के लाडनूं से एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश डूडी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। इस टीम ने निशानदेही पर हरियाणा के सिरसा से आनंदपाल के दो भाइयों देवेंद्र उर्फ गट्टू और विक्की उर्फ रुपेंद्रपाल को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि आनंदपाल सिंह चूरू जिले के सरदारशहर और रतनगढ़ के बीच मालासर में श्रवणसिंह राजपूत के घर में रह रहा है।

50 राउंड फायर, आनंदपाल को लगीं कई गोलियां 

मिली जानकारी के मुताबिक, एसओजी ने नागौर पुलिस एसपी राहुल बारहेठ के नेतृत्व में गठित टीम ने आनंदपाल के मकान को घेर लिया। पहले पुलिस ने आनंदपाल को सरेंडर करने की चेतावनी दी, लेकिन उसने फायरिंग कर दी। पुलिस के अनुसार, उसने 50 राउंड फायर किए। चेतावनी के बाद भी जब वह गोलियां चलाता हुआ नहीं रुका तो पुलिस की ओर से जवाबी फायरिंग की गई। इस दौरान सीओ सूर्यवीर सिंह और कमांडो सोहन सिंह उस मकान की सीढ़ियों से छत पर जा पहुंचे, जहां आनंदपाल छिपा था। दोनों तरफ से जोरदार गोलीबारी हुई। जिसमें आनंदपाल के 6 गोलियां लगी। वह मौके पर ढेर हो गया।

इस कार्रवाई में ईआरटी कमांडो सोहन सिंह के कमर में गोलियां लगने से वह घायल हो गया। साथ ही गिरने से सूर्यवीर का हाथ टूट गया। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती सोहन सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है। आनंदपाल के पास से 2 एके47, भारी मात्रा में अवैध कारतूस, कई गाड़ियों की फर्जी नम्बर प्लेट्स, उसकी स्कॉर्पियो और मोटरसाइकिल बरामद हुई।

पेशी के दौरान हुआ था फरार

3 सितंबर 2015 में नागौर के ही लाडनू में पेशी के दौरान रास्ते में पुलिस पर फायरिंग कर उसके साथियों ने कुख्यात बदमाश आनंदपाल को छुड़ा लिया था। बदमाश आनंदपाल के अलावा उसके साथी श्रीबल्लभ व सुभाष मूंड को भी छुड़ा ले गए थे। उस पर पुलिस ने पांच लाख रुपयों का इनाम रखा था। तमाम कोशिशों के बावजूद वह राजस्थान पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था। 

चार बार मुठभेड़ से बच निकला 

राजस्थान पुलिस, एसओजी और आनंदपाल सिंह के बीच आंख-मिचौली कई साल से चल रही थी। चार बार उसकी पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई, मगर हर बार बच निकलता था। बताया जाता है कि बदमाश के 5 राज्यों में कई ठिकाने थे। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, राजस्थान के एमएलए हनुमान बेनीवाल सहित करीब दो दर्जन लोगों को उससे जान का खतरा था। आनंदपाल को पकड़ने के लिए पुलिस ने उसके गुर्गे व उससे रिश्ता रखने वाले 108 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन वह पुलिस व एसओजी की पकड़ से दूर रहा।  

एनकाउंटर के बाद इलाके में तनाव, पथराव 

बदमाश आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद उसके गांव सांवराद व लाड़नू तहसील स्थित उसके आवास पर अजीब खामोशी छाई हुई है। आनंदपाल के घर के आसपास कोई शख्स नजर नही आ रहा है। उसके परिजन अंदर ही अंदर मातम मना रहे हैं। दूसरी ओर जिस जीवन गोदारा की हत्या के बाद आनंदपाल सिंह सुर्खियों में आया था उसके घर पर रात को एनकाउंटर के बाद से ही जश्न का माहौल है। 

रविवार को दोपहर बाद उसके गावं में पुलिस पर रावणा राजपूत समाज द्वारा पथराव किया गया। जिसके बाद अन्य समाज के लोगों में खौफ व्याप्त है। इस घटना के बाद गांव में पुलिस बल बढ़ा दिया गया है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Anand Pal, Encounter, Rajasthan, heat increased, POLITICS
OUTLOOK 25 June, 2017
Advertisement