ठेकेदार की मौत: कर्नाटक मंत्री ईश्वरप्पा के खिलाफ एफआईआर, कांग्रेस ने की बर्खास्त की मांग, सीएम बोम्मई बोले- सामने आएगा सच
कर्नाटक में एक सिविल ठेकेदार संतोष पाटिल की खुदकुशी का मामला अब और तूल पकड़ता जा रहा है। राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायत राज (आरडीपीआर) मंत्री के एस ईश्वरप्पा के खिलाफ संतोष पाटिल के भाई प्रशांत पाटिल की शिकायत के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी और कहा कि ईश्वरप्पा को मामले में पहला आरोपी बनाया गया है। इधर, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस मामले में जांच का भरोसा देते हुए कहा कि सच्चाई सामने आएगी।
बता दें कि संतोष पाटिल के भाई प्रशांत की शिकायत में मंत्री ईश्वरप्पा और उनके स्टाफ सदस्यों रमेश और बसवराज को आरोपी बनाया गया है। शिकायत में, प्रशांत पाटिल ने संतोष व्यक्त किया कि उनके भाई ने हिंडालगा गांव में 4 करोड़ रुपये के काम किए हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया कि संतोष कई बार मंत्री ईश्वरप्पा से मिले थे और उनसे राशि जारी करने की गुहार लगाई थी। लेकिन उनके करीबी बसवराज और रमेश 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे। इस बीच, एक फोरेंसिक टीम ने उस स्थान पर सबूतों की जांच की जहां पाटिल मृत पाए गए थे।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कर्नाटक सीएम ने कहा कि ठेकेदार संतोष पाटिल खुदकुशी का सच सामने आएगा। मामले की पूरी जांच की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि केएस ईश्वरप्पा ने इस्तीफे के बारे में क्या कहा ये पता नहीं है, उनसे फोन पर बात करने के बाद ही साफ हो पाएगा। फिलहाल मामले की सारी जानकारी ले रहा हूं।
वहीं, दूसरी ओर ईश्वरप्पा के इस्तीफे को लेकर पूर्व सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की। इसके साथ ही, मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा को हटाने की मांग की। इस दौरान डीके शिवकुमार ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि हमने राज्यपाल से केएस ईश्वरप्पा को जल्द बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की मांग की है। इसके साथ ही, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का भी केस दर्ज किया जाना चाहिए कि वे ठेकेदार संतोष पाटिल समेत अपने ही लोगों से 40 प्रतिशत कमीशन मांगते हैं। राज्यपाल ने हमें कहा है कि वे संबंधित अथॉरिटीज के साथ बात करेंगे।
गौरतलब है कि पाटिल की मौत ने मंगलवार को एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था और कांग्रेस ने ईश्वरप्पा को हटाने की मांग की थी, जबकि उनके वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर निशाना साधा था।