इकाना स्टेडियम के नए नाम पर विवाद, अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से 'भारत रत्न' हटाने की मांग
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम इकाना का नाम भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने को लेकर विवाद हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम के साथ 'भारत रत्न' जोड़ने पर एक संस्था ने आपत्ति जताई है। इसके लिए संस्था की ओर से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र भेजा गया है। साथ ही नाम के साथ भारत रत्न हटाने की मांग की गई है।
लखनऊ के शहीद पथ स्थित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण सपा सरकार के दौरान किया गया था और इसका नामकरण इकाना के नाम पर किया गया था। स्टेडियम का निर्माण पीपीपी मॉडल पर किया गया और एलडीए, इकाना स्पोर्ट्स सिटी प्राईवेट लिमिटेड और जीसी कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट इंडस्ट्रीज की बीच समझौता हुआ था कि स्टेडियम का निर्माण होने के बाद राज्य सरकार स्टेडियम का नामकरण करेगी।
अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में छह नवंबर की शाम को भारत और वेस्ट इंडीज के बीच क्रिकेट मैच होना था। उसके पूर्व पांच नवंबर की शाम को राज्य सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने स्वीकृति दी थी। इसके बाद स्टेडियम का नाम बदलकर भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी ईकाना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम कर दिया गया था। नाम बदलने को लेकर सपा ने भी आपत्ति जताई थी।
इस मामले में विशिल ब्लोअर और अंतरराष्ट्रीय पशुरक्षा संगठन के भारतीय प्रतिनिधि नरेश काद्यान ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सहित एलडीए को भेजे पत्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का नाम भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी करने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह नामकरण असंवैधानिक है।
इस बारे में 1994-95 में सुप्रीम कोर्ट ने आर्डर दिया था। भारत रत्न शब्द का उपयोग टाइटल के रूप में नहीं किया जा सकता है। एक अन्य ऐसे ही मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि 2008 में दिल्ली में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के नाम पर नामकरण किया गया था। उनकी शिकायत पर दिल्ली विधान सभा ने 2014 में भारत रत्न शब्द हटाया। उनका कहना है कि भारत रत्न कोई भी ऐसे नहीं लिख सकता।
संविधान के अनुसार, हमारा संविधान भेदभाव नहीं करता। सभी में एकरूपता की बात करता है। अगर किसी व्यक्ति के नाम के साथ भारत रत्न टाइटल लगता है तो ये भेदभाव है और मौलिक अधिकारों का हनन है। भेदभाव को दूर करने के लिए संविधान में आर्टिकल 18 की व्यवस्था की गई है। हमारी मांग है कि अगर आपने किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को देखते हुए उसे किसी सम्मान से नवाजा है तो आप उसका मान सम्मान रखें। अगर नहीं कर सकते तो आर्टिकल 18 को खत्म कर दो।
मामले की जानकारी से लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव ने अनभिज्ञता जाहिर की है। हालांकि उनका कहना है कि एलडीए ने जमीन दी थी और संबंधित कंपनी से पीपीपी मॉडल पर एग्रीमेंट हुआ था। जिसके तहत कंपनी को निर्माण करना था और रखरखाव की जिम्मेदारी भी उनकी है। नामकरण का मामला राज्य सरकार स्तर का है। इकाना स्पोर्ट्स सिटी प्राईवेट लिमिटेड के एमडी उदय सिन्हा और डायरेक्टर संजय सिन्हा से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।