ग्रामीण इलाकों में फैल रहा कोरोना, वैक्सीन से भाग रहे लोग, हेमन्त ने कहा- कड़े कदम उठाने की जरूरत
राज्य सरकार ने स्वीकार किया है कि झारखण्ड के ग्रामीण इलाकों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अंतिम संस्कार में प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है और भ्रम के कारण लोग वैक्सीन से भाग रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इसे स्वीकार करते हुए कहा है कि संक्रमण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने पर सरकार विचार कर रही है। 13 मई की सुबह छह बजे तक लॉकडाउन यानी स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की मियाद तय है। माना जा रहा है कि इसमें अवधि विस्तार करते हुए सरकार और सख्त कदम उठा सकती है।
उन्होंने कहा कि हम दूसरी लहर का मुकाबला कर रहे हैं और अब तीसरी लहर के आने का खतरा मंडरा रहा है। अब इतना समय नहीं है कि कोरोना से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज किया जा सके। सरकार पूरी ताकत से लगी हुई है।
मंगलवार को कोल्हान और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सांसदों, विधायकों से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से विमर्श के बाद हेमन्त सोरेन ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना बढ़े नहीं, संक्रमण के खतरे को कैसे रोका जाये सरकार का इस पर विशेष फोकस है। शहरी इलाकों में अफरातफरी को रोक लिया गया है मगर ग्रामीण इलाकों में जागरूकता के अभाव में कोरोना के खतरे को लोग नहीं समझ पा रहे। भ्रम के कारण लोग टीका नहीं लेना चाह रहे, टेस्ट को लेकर भी उदासीन रवैया है। दाह संस्कार में कोविड के प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है। इससे कोरोना लोगों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। प्रसार को रोकने में जन प्रतिनिधियों की बड़ी जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को नियंत्रित करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए कोरोना की चेन को तोड़ना निहायत जरूरी है। इस सिलसिले में कड़े कदम उठाने पर सरकार विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना टीकाकरण को लेकर लोगों के बीच भ्रांतियां हैं, लोग टीक लगवाने से डर रहे हैं। भ्रम पैदा करने वाले लोगों की पहचान कर जागरूक करना नितांत आवश्यक है। इसमें विभिन्न संगठनों के साथ मानकी मुंडा और ग्राम प्रधानों को भी भरोसे में लेने पर जोर दिया। कहा कि पहले चरण में ग्रामीण इलाकों में लोगों ने बैरियर व अन्य माध्यमों से बाहरी लोगों के प्रवेश को रोकने की कोशिश की थी, वैसी पहल फिर करें। बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं ऐसे में ग्रामीण इलाकों में संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ग्रामीण इलाकों में आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कोरोना मेडिकल किट पहुंचाने का निर्देश दिया गया है। 45 हजार से ज्यादा मेडिकल किट का वितरण किया जा चुका है। कोरोना वारियर्स के रूप में 300 एक्स आर्मी मैन को लगाया जा रहा है। जन प्रतिनिधियों से भी मेडिकल कर्मियों को लेकर मदद मांगी है। दस हजार से ज्यादा ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था कर सरकार कोशिश कर रही है कि लोगों को वेंटिलेटर की मदद न लेनी पड़े। सभी सदर अस्पतालों में पीएसए लगाने की व्यवस्था की जा रही है।
दूसरे राज्यों की कर रहे मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और मानवता के हित में झारखण्ड अपनी जरूरतों के साथ अन्य राज्यों की जरूरतों को पूरा करने का भी प्रयास कर रहा है। यहां से लगभग 600 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति विभिन्न राज्यों को की जा रही है।