भ्रष्टाचार के मामलों में 32 से ज्यादा हुए बरी, सीबीआइ पर सवाल
पिछले चार सालों के दौरान सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों में 32 सौ से ज्यादा लोगों को बरी किया जा चुका है। अदालतों द्वारा तरह लगातार जिस तरह लोगों को बरी किया जा रहा है उससे सीबीआइ की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं।
अदालत ने पिछले साल नवंबर तक ही 184 मामलों में 755 लोगों को बरी किया है। यह जानकारी लोकसभा में कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने दी। वर्ष 2016 में 944, 2015 में 821 और 2014 में 748 को बरी किया गया। पिछले तीन सालों में विभिन्न मामलों में इन लोगों को बरी किया गया। एक अन्य मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि अदालत द्वारा भ्रष्टाचार के 18 सौ मामलों में 3617 को सजा सुनाई गई है। इस साल नवंबर तक 741 को सजा दी गई है जबकि 2016 में 1005, 2015 में 878 और 2014 में 993 को सजा दी गई है। केंद्र सरकार का सीबीआइ के मामलों की जांच में कोई दखल नहीं रहता। सीबीआइ क्राइम मैन्युअल के तहत मामलों का विश्लेषण करती है।
सभी फैसलों में सीबीआइ यह भी देखती है कि बरी किए मामलों में क्या कोई अपील की जा सकती है या किसी जांच की कमी के चलते बरी किया गया है और इसके लिए जिम्मेदारी तय की जाती है। फैसलों की समीक्षा के बाद अगर पाया जाता है कि मामले में अपील की जा सकती है तो उसकी मंजूरी सरकार से ली जाती है।