कोविड-19: झारखंड में स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने और लोगों को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने की मांग
कोविड-19 महामारी के चलते लॉक डाउन को देखते हुए झारखंड जनाधिकार महासभा ने राज्य सरकार से स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने के साथ लोगों को पर्याप्त आय और खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। इसका कहना है कि झारखंड जैसे राज्य जहां भुखमरी और कुपोषण की स्थिति है, गरीबों के लिए खाना और दैनिक इस्तेमाल की अन्य सामग्री का इन्तजाम करना प्राथमिकता होनी चाहिए। जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज भी इस महासभा से जुड़े हुए हैं। महासभा का कहना है कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए राज्य सरकार देर से जागी है और अभी तक लोगों को इस संकट से निपटने के लिए पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा प्रदान नहीं कर पायी है।
राज्य में सिर्फ एक परीक्षण केंद्र, इसलिए ज्यादा हो सकते हैं कोरोना वायरस पीड़ित के मामले
हालांकि, झारखंड में अब तक आधिकारिक तौर पर COVID-19 के मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन यह एक मिथक हो सकता है क्योंकि राज्य में केवल एक परीक्षण केंद्र है जहां कुछ दर्जन नमूनों का ही परीक्षण किया गया है I हालांकि, स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राज्य में कम से कम तीन मौतें हुई हैं, जिनमें पीड़ित हाल ही में तमिलनाडु या गोवा से वापस आए थे और उनके लक्षण पर COVID-19 के समान ही प्रतीत हो रहे थे। राज्य में केवल 298 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं जिनमें बुनियादी ढांचा और मानव संसाधन की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। इससे अचानक विस्फोटक संक्रमण का खतरा हो सकता है। पिछले दो दिनों में झारखंड सरकार ने कुछ महत्त्वपूर्ण घोषणाएं की हैं जैसे खिचड़ी केन्द्रों का संचालन, 2 महीने का राशन एडवांस में देना आदि, लेकिन अभी तक उनका कार्यान्वयन शुरू नहीं हुआ है। केंद्र और झारखंड सरकार को केरल और कई अन्य देशों की तरह COVID-19 से निपटने के लिए स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण सेवाओं का तुरंत विस्तार करना चाहिए ।
महासभा ने सरकार के सामने 15 मांगें रखी हैं। इनमें प्रमुख मांगे हैं-
ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी बस्तियों में जन वितरण प्रणाली का दायरा बढ़ाना और इसमें सभी छूटे हुए परिवारों को शामिल करना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन का दायरा बढ़ाना और पेंशन राशि को कम से कम दोगुना करना, मजदूरों, शहरी बेघरों, बस्तियों में रहने वाले और छोटे विक्रेताओं वाले सभी परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना प्रमुख हैं। सार्वजनिक केंद्रों पर सामुदायिक रसोई घर स्थापित करने और सभी स्वास्थ्य केंद्रों के सभी मरीज़ों व कार्यकर्ताओं को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराने की भी मांग है।
आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त सप्लाई हो, पुलिस लोगों को परेशान ना करे
अन्य मांगों में सभी नरेगा और पंजीकृत मज़दूरों को तत्काल सवैतनिक अवकाश, आवश्यक सामग्रियों की पर्याप्त मात्रा, वितरण और मूल्य नियंत्रण सुनिश्चित करना, जांच से संबंधित आंकड़ों को सार्वजनिक करना, परीक्षण सुविधाओं को बढ़ाना, मरीजों की संख्या में वृद्धि की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सार्वजनिक अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र व्यवस्था को तुरंत मज़बूत किया जाना, लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उपाय करना, शिकायतों के समाधान और COVID-19 आदि के बारे में जानकारी का प्रसार करने के लिए 24X7 सक्रिय हेल्पलाइन शुरू करना शामिल हैं। राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि संदिग्धों की तलाश में या लॉकडाउन में पुलिस लोगों को परेशान न करे।