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08 May 2018

पश्चिम बंगाल: पंचायत चुनाव में धुर विरोधी बीजेपी-सीपीएम साथ आए

विचारधारा और राजनीति के लिहाज से एक-दूसरे के धुर विरोधी भारतीय जनता पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को हराने के लिए नादिया जिले में हाथ मिला लिया है।

दोनों दलों में यह भाईचारा अप्रैल के आखिरी हफ्ते में उस समय दिखना शुरू हुआ था जब दोनों दलों ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया के दौरान तृणमूल कांग्रेस की कथित हिंसा के खिलाफ नदिया जिले के करीमपुर-राणाघाट इलाके में एक संयुक्त विरोध रैली का आयोजन किया था। रैली के दौरान दोनों दलों के कार्यकर्ता अपने-अपने झंडे लेकर पहुंचे थे।

सीपीएम के नादिया जिला सचिव एवं राज्य समिति के सदस्य सुमित डे ने यह बात मानी कि पार्टी को जमीनी स्तर पर कई सीटों पर ऐसा करना पड़ा क्योंकि कई गांववाले तृणमूल के खिलाफ आरपार की लड़ाई चाहते थे। उन्होंने कहा कि इसका पार्टी की नीति से कुछ लेना-देना नहीं है। डे ने कहा, ‘हां, जमीनी स्तर पर कुछ तालमेल बनाया गया।'

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उन्‍होंने कहा, 'कई सीटों पर क्योंकि गांववाले आरपार की लड़ाई चाहते थे, हमें इसका सम्मान करते हुए तदनुसार काम करना पड़ा। हालांकि ऐसा नहीं है कि दोनों दलों के बीच कई चरणों में चर्चा की गयी और यह सीट बांटने के लिए बनाया गया औपचारिक सामंजस्य है।’ संयुक्त रैली में मौजूद सीपीएम के वरिष्ठ नेता एवं राज्य समिति के सदस्य रमा विश्वास ने माना कि तृणमूल कांग्रेस की हिंसा के खिलाफ ग्रामीणों ने एक रैली निकाली थी।

पश्चिम बंगाल की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी माना कि दोनों दलों के समर्थक रैली में मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘मुझे जानकारी मिली है कि हमने तृणमूल कांग्रेस की हिंसा के खिलाफ एक रैली बुलायी थी। इसमें सीपीएम कार्यकर्ता भी आए थे और हमारी रैली में इसलिए शामिल हुए थे क्योंकि उनपर भी हमला हुआ था।’ सीपीएम की केंद्रीय समिति के नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि कुछ ‘घटनाओं’ के हिसाब से बीजेपी के खिलाफ सीपीएम की राजनीतिक विचारधारा को आंकना नहीं चाहिए।

(पीटीआई से इनपुट)

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TAGS: CPIM)-BJP, TMC, West bengal, trinamool
OUTLOOK 08 May, 2018
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