Advertisement
11 September 2019

सरदार सरोवर की ऊंचाई पर इंदौर में बैठक, एमपी सरकार से विरोध जारी रखने की मांग

नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं, नर्मदा घाटी के विस्थापितों के प्रतिनिधियों के साथ मध्य प्रदेश सरकार के नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई आठ घंटे की मैराथान बैठक में सरदार सरोवर बांध का जल स्तर बढ़ाकर 138.68 मीटर करने के फैसले का विरोध जारी रखने पर जोर दिया गया और मांग की गई कि राज्य सरकार इसका विरोध जारी रखे। मध्य प्रदेश सरकार बांध के बैक वाटर विस्थापितों के स्तर और संख्या पर पुनर्विचार के लिए केन्द्रीय जल आयोग को पत्र लिखेगी। बैठक में मंत्री ने आदेश दिए हैं कि डूब प्रभावितों की पात्रता तुरंत तय किया जाए।

बैठक में मैराथन चर्चा हुई

नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख नेता मेधा पाटकर और प्रतिनिधियों के उपवास की समाप्ति पर यह बैठक सोमवार को इंदौर स्थित नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के कार्यालय में हुई। बैठक में राज्य के मंत्री बघेल के अलावा अधिकारियों, आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में मध्‍यस्थ के रूप में भूतपूर्व मुख्य सविच शरदचंद्र बेहार भी शामिल थे। आठ घंटे तक चली मैराथन बैठक में इस मुद्दे से जुड़े सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई।

Advertisement

प्रभावित परिवारों की संख्या ज्यादा होगी

आंदोलनकारियों की ओर से नर्मदा घाटी में डूब क्षेत्र की गंभीर स्थिति का वर्णन करते हुए रणवीसिंह तोमर ने सरदार सरोवर के गेट खोलने की मांग रखी। बैठक में कहा गया कि अगर गुजरात और केन्द्र बांध की ऊंचाई 138.68 मीटर तक करने पर अड़ा है तो मध्य प्रदेश को अंतरराज्यीय मंचों पर यह मुद्दा उठाना चाहिए। आंदोलनकारियों का कहना था कि डूब क्षेत्र और बढ़ते प्रभावित क्षेत्र में रह रहे परिवारों की संख्या 6000 से बहुत ज्यादा है। आयुक्त ने भी माना कि वास्तव में 178 गांव प्रभावित होंगे। दोबारा सर्वे होने पर वास्तविक संख्या सामने आएगी।

पुनर्वास पूरा होने के शपत्र पत्र की जांच हो

आंदोलन का कहना था कि बांध का जल स्तर बढ़ाने से काफी बड़ा क्षेत्र प्रभावित होगा। पुनर्वास पूरा होने के संबंध में अधिकारियों ने जो शपथ पत्र दिए हैं, उनकी जांच होनी चाहिए। इस मामले में राज्य को केंद्र के सामने विस्थापितों की समस्याएं मजबूती से उठानी चाहिए।

सरकार की याचिका से लाभ मिलने में अड़ंगा

बैठक में कार्यकर्ताओं ने ट्रिब्यूनल और सर्वोच्च अदालत के फैसलों और 2017 के आदेशों का पालन करने और शिकायत निवारण प्राधिकरण के निर्देशों को लागू करने की मांग की। महिला खातेदारों संबंधी मामले में पिछली सरकार की सर्वोच्च न्यायालय में अपील के कारण सैकड़ों प्रभावितों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस कारण अदालत में दाखिल याचिकाएं वापस लेने की मांग रखी गई।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Sardar Sarovar dam, Narmada andolan, Madhaya Pradesh, medha Patekar
OUTLOOK 11 September, 2019
Advertisement