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17 January 2019

मुंबई में डांस बार को सुप्रीम कोर्ट की इजाजत लेकिन नोट और सिक्के लुटाने की अनुमति नहीं

File Photo

मुंबई में डांस बार को लेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट के फैसले के मुताबिक मुंबई में दुबारा से डांस बार खुल केंगे। कोर्ट ने शर्तों के साथ डांस बार खोलने की इजाजत दे दी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र की फणनवीस सरकार ने कहा था कि नया कानून संवैधानिक दायरे में आने के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियों और महिलाओं का शोषण भी रोकता है।

डांस परफॉर्मेंस के लिए साढ़े पांच घंटे का समय रखा बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ डांस बार खोलने को मंजूरी देते हुए महाराष्ट्र सरकार को लाइसेंस पाने के सख्त नियमों पर थोड़ी ढील देने को कहा है। कोर्ट ने डांस परफॉर्मेंस के लिए साढ़े पांच घंटे का समय बरकरार रखा है। कोर्ट ने महाराष्ट्र में डांस बार का समय शाम छह बजे से रात साढ़े 11 बजे तक तय करने की शर्त को बरकरार रखा।

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डांस बारों में सीसीटीवी लगाने की अनिवार्यता की शर्त रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में डांस बार के लाइसेंस एवं संचालन पर प्रतिबंध लगाने वाले 2016 के महाराष्ट्र कानून के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया। कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र के डांस बारों में सीसीटीवी लगाने की अनिवार्यता की शर्त को रद्द करते हुए कहा कि यह निजता का उल्लंघन करती है। कोर्ट ने इस प्रावधान को रद्द कर दिया कि महाराष्ट्र में डांस बार धार्मिक स्थानों और शैक्षिक संस्थानों से एक किलोमीटर दूर होने चाहिए।

बार में सिक्के लुटाने की अनुमति नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्केस्ट्रा की अनुमति दी है और कहा है कि बार के अंदर नकदी और सिक्कों लुटाने की अनुमति नहीं होगी। कोर्ट ने कहा है कि डांस बार पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। 2005 से महाराष्ट्र द्वारा कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है। नियम हो सकते हैं, लेकिन पूरा प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।

कोरेट के फैसले के बाद जानें अब क्या कर सकेंगे और क्या नहीं

-     डांस बार में एरिया और ग्राहकों के बीच दीवार नहीं होगी। सरकार ने नियम तय किया था कि ग्राहक और डांसरों के बीच एक 3 फुट ऊंची दीवार बनाई जाए, जिससे डांस तो देखा जा सके, मगर उन तक पहुंचा न जा सके।

-    कोर्ट ने कहा कि मुंबई जैसे क्षेत्र में धार्मिक और शैक्षणिक स्थलों से एक किलोमीटर की दूरी पर डांस बार होने का नियम तर्कसंगत नहीं है। अब मुंबई में ज्यादा डांस बार देखने को मिल सकते हैं।

-    ग्राहक बारबालाओं को टिप दे सकते हैं, मगर वे पैसे नहीं लुटा पाएंगे।

-    कोर्ट ने कहा कि डांसर और मालिक के बीच वेतन फिक्स करना सही नहीं। ये अधिकार सरकार का नहीं, बल्कि मालिक और डांसर के बीच आपसी कॉन्ट्रैक्ट का मामला है।

-    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई में डांस बार शाम 6 से 11.30 तक चल सकेंगे।

-    कोर्ट ने डांस बार मे सीसीटीवी लगाने के नियम को भी खारिज किया।

राज्य सरकार के नए एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में दी गई थी चुनौती

इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने राज्य सरकार के नए एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अगस्त में हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की एक बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि वक्त के साथ अश्लीलता की परिभाषाएं भी बदलती रही हैं और ऐसा लग रहा है कि मुंबई में मॉरल पुलिसिंग हो रही है। कोर्ट ने कहा था कि जीविका कमाने का अधिकार हर किसी को है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदी को हटा दिया था जिसके बाद सरकार ने नए लाइसेंस देने के लिए नियम और कड़े कर दिए थे। नए कानून के अनुसार, बार सिर्फ शाम 6:30 से रात 11:30 तक ही खुल सकते हैं और राज्य में ऐसे किसी भी बार या होटल में शराब नहीं परोसी जाएगी जहां लड़कियां डांस करती हैं। नए नियमों के चलते बार मालिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिसके चलते उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था।

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TAGS: Dance bar verdict, SC sets aside certain provisions, 2016 Maha law imposing, restrictions on dance bars
OUTLOOK 17 January, 2019
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