मध्यप्रदेश: तैयार हो रहा है नेताओं पर दर्ज आपराधिक मामलों का डाटा
मध्य प्रदेश लोक अभियोजन संचालनालय ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश जारी कर नेताओं के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों की विस्तृत जानकारी मांगी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और निर्वाचन आयोग द्वारा मांगी गई जानकारी पर संचालनालय ने यह कदम उठाया है। लोक अभियोजन संचालनालय द्वारा इस प्रकार से नेताओं के विरुद्ध आपराधिक प्रकरणों की अलग से जानकारी मांगने का यह पहला मौका है। इसके तहत नेताओं पर दर्ज मामलों का अलग से आंकड़ा तैयार करने को कहा गया है। ये आंकड़े कुंडली बनाने के फॉर्मेट में दर्ज करने हैं, जैसे किस मामले में कब शिकायत या एफआईआर दर्ज हुई, इनमें से कितने प्रकरण न्यायालयों में प्रस्तुत किए गए।
राज्य पुलिस नेताओं के मामले की वजह से उलझन में है। पुलिस अब तक अपराधियों का जिला स्तर पर डाटा तैयार करती रही है। इसके अलावा निर्वाचन आयोग ने उन नेताओं के खिलाफ भी जानकारी मांगी है जिनरके खिलाफ साल 1990 से अब तक हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में आचार संहिता उल्लंघन के मामले दर्ज हुए हैं। राज्य पुलिस की असल परेशानी की वजह यही है। पुलिस को उन मामलों की जानकारी देने में परेशानी है जहां नेता पर मामला तो दर्ज है, लेकिन विस्तृत जानकारी नहीं है। ऐसे में सिर्फ नाम से नेता की पुष्टि करना मुश्किल है पुलिस पता कर रही है कि कितने मामलों में निर्णय पारित किए गए और कितने प्रकरण अभी लंबित हैं।