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30 July 2020

बिहार में बाढ़ से 11 लोगों की मौत, लगभग 40 लाख लोग प्रभावित

पीटीआइ फाइल फोटो

बिहार के कई जिलों में लोग बाढ़ के कारण परेशान है। गंडक के साथ बागमती, महानंदा व कोसी भी उफान पर हैं। जगह-जगह बांधों का टूटना जारी है। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मंगलवार को डूबकर दस तो वज्रपात से एक की मौत हो गई। इनमें पूर्वी चंपारण के छह, समस्तीपुर के दो, गोपालगंज और छपरा के एक-एक लोग शामिल हैं। बांका जिले के बौंसी में वज्रपात की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं,  लगभग 40 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

इस बीच दरभंगा के कुशेश्वरस्थान थाने में बाढ़ का पानी घुस गया है। हाल यह है कि पानी में सांप घूम रहे हैं और पुलिस के पास पैट्रोलिंग पर जाने के लिए नाव तक नहीं है। उधर, गोपालगंज में नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर बाढ़ का पानी आने से गोरखपुर से आने वाले वाहनों का रूट बदलकर आगे भेजा जा रहा है।

पानी के दबाव से जगह-जगह टूट रहे बांध

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बिहार में बारिश के बीच बाढ़ का कहर जारी है। पश्चिम चंपारण और मुजफ्फरपुर में दो तटबंध सहित सारण तटबंध कई जगह से टूट गए। पश्चिम चंपारण के मझौलिया में कोहड़ा नदी के दबाव से तटबंध टूट गया, जिससे तीन सौ घरों में पानी घुस गया है। वहीं मुजफ्फरपुर में कदाने नदी का तटबंध फिर टूट गया। गोपालगंज में मांझा के पुरैना के बाद बैकुंठपुर के सोनवलिया, मड़वा तथा मूंजा में सारण तटबंध के जगह-जगह टूटने से गंडक नदी की विनाशकारी बाढ़ से चार प्रखंडों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। वहीं समस्तीपुर-दरभंगा और सुगौली-मझौलिया रेलखंड पर ट्रेन परिचालन ठप रहा। मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक ने बंदरा प्रखंड के बडग़ांव में रिंग बांध को तोड़ दिया। इससे हजारों की आबादी प्रभावित हो गई। मुजफ्फरपुर शहर के नए क्षेत्रों में बूढ़ी गंडक का पानी फैल रहा है।

इस बीच पश्चिम चंपारण के शिवराजपुर गांव के पास चंपारण तटबंध में जारी रिसाव को लोगों ने रोक दिया है। पूर्वी चंपारण के शीतलपुर के पास पुल पर कटाव जारी है। छपवा-रक्सौल एनएच 527 पर वाहनों की आवाजाही पर रोक है। मधुबनी में स्थिति यथावत है। समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर लाल निशान से ऊपर है। शहर पर खतरा बढ़ गया है। करेह तटबंध से रिसाव जारी है। सीतामढ़ी में बागमती, अधवारा और लालबकेया उफान पर हैं। मोतिहारी और सीतामढ़ी से शिवहर का संपर्क बाधित है।

नदियों में उतार-चढ़ाव जारी

पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में भी नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। इस बीच कई बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी निकल रहा है। खगड़िया में सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सात प्रखंडों की 32 पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं। इन पंचायतों के 90 गांव डूबे हुए हैं।

जलस्तर में वृद्धि के कारण तटबंधों पर दबाव

नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई तटबंधों पर दबाव बना हुआ है। चौथम में दो जगहों पर बांध में रिसाव हो रहा है। मुंगेर में भी गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। सुपौल में कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। किशनगंज में महानंदा और मेंची नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। ये नदियां कटाव कर रही हैं। कटिहार में महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

गोरखपुर से आ रहे वाहनों के लिए रूट बदला

गोपालगंज में नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर बाढ़ का पानी आने से गोरखपुर से आने वाले वाहनों को मेहरौना बॉर्डर के रास्ते मुजफ्फरपुर के लिए भेजा जा रहा है। सिवान में रविवार की शाम से ही स्टेट हाईवे-73 पर 10 किलोमीटर से अधिक दूरी तक जाम लगा रहा। बाढ़ से गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर प्रखंड की 22  पंचायतों में 20 बाढ़ की चपेट में हैं।  छपरा में पानापुर प्रखंड में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है।

 

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TAGS: बिहार, बाढ़, 11 लोगों की मौत, लगभग 40 लाख, प्रभावित, Death Toll, Bihar, Floods, Rises, 11, Nearly 40 Lakh, People, Affected
OUTLOOK 30 July, 2020
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