नई एक्साइज पॉलिसी पर बवाल के बाद बैकफुट पर केजरीवाल सरकार, लागू होगी शराब की बिक्री की पुरानी व्यवस्था:अधिकारी
राजधानी दिल्ली में अब पुरानी शराब नीति लागू होगी। नई शराब नीति में तमाम तरह की कमी पाई गई थी। कुछ दिन पहले दिल्ली एलजी ने नई शराब नीति में अनियमितओं को लेकर सीबीआई जांच के आदेश दे दिए थे। दिल्ली में शराब पर हो रही सियासत को लेकर भाजपा लगातार केजरीवाल सरकार पर हमलावर रही। नई आबकारी नीति के क्रियान्वयन की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की उपराज्यपाल की सिफारिश के बीच दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में शराब की खुदरा बिक्री की पुरानी व्यवस्था पर लौटने का फैसला किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
आबकारी नीति 2021-22 को 31 मार्च के बाद दो बार दो-दो महीने के लिए बढ़ाया गया। अब 31 जुलाई को इस पर पूर्णविराम लग जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि आबकारी विभाग अब भी आबकारी नीति 2022-23 पर काम कर रहा है जिसमें शराब घर तक पहुंचाने एवं कई अन्य सिफारिशें हैं। उनके अनुसार इस मसौदा नीति को अभी उपराज्यपाल वी के सक्सेना के पास नहीं भेजा गया है। अधिकारियों ने बताया कि आबकारी विभाग का प्रभार संभाल रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरूवार को विभाग को ‘नयी नीति के आने तक छह महीने के लिए आबकारी की पुरानी व्यवस्था पर ‘लौटने’ का निर्देश दिया।
इससे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसमें शराब की दुकानों के टेंडर में 144 करोड़ रुपये का शराब माफिया को गलत तरीके से फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। बताया जा रहा है कि मनीष सिसोदिया इसकी जांच फंदे में फंस सकते हैं। बीजेपी ने कहा था कि नई शराब की पॉलिसी में नियमों का उल्लंघन हुआ है। बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा था कि केजरीवाल सवालों के जवाब नहीं देते। लेखी ने कहा था कि लाइसेंस फीस पर 144 करोड़ रुपये माफ किए गए। ये सब मनीष सिसोदिया की देखरेख में हुआ। बीजेपी ने कहा था कि आप सरकार की ओर से ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को ठेके दिए गए। साथ ही बिना नियम एक कंपनी को 30 करोड़ रुपये कंपनी को वापस किए। लेखी ने कहा था कि केजरीवाल तथ्यों के जवाब दें। मुख्यमंत्री ईमानदारी के सर्टिफिकेट ना बांटें।