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05 December 2017

निजी स्कूलों की तरह निजी अस्पतालों पर शिकंजा कसेगी केजरीवाल सरकार

जिंदा नवजात को मृत घोषित करने की घटना सामने आने के बाद दिल्ली सरकार निजी अस्पतालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। निजी अस्पतालों की “लूट” और “आपराधिक लापरवाही” पर लगाम लगाने के लिए सरकार एक कानूनी कार्यढांचा तैयार करेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने फीस तय करने में निजी स्कूलों की मनमानी पर जिस तरह लगाम लगाई है, वैसा ही एक कानूनी कार्यढांचा निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्वास्‍थ्य क्षेत्र में लाया जाएगा।

वे मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस में डेंटल हेल्‍थ उत्सव “दिल्ली स्माइल” को संबोधित कर रहे थे। एक निजी अस्पताल में डेंगू के मरीज से पंद्रह लाख रुपये वसूलने और जिंदा नवजात को मृत घोषित करने के दो हालिया मामलों का जिक्र करते हुए उन्होंने ये बात कही। केजरीवाल ने कहा, “हम निजी अस्पतालों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। लेकिन बीमारों से लूट और धोखाधड़ी होती है और अस्पताल उनके खिलाफ आपराधिक लापरवाही के दोषी हैं तो एक जिम्मेदार सरकार के तौर पर ऐसे मामलों में हम हस्तक्षेप करेंगे।”

जिंदा नवजात को मृत घोषित करने के मामले में दिल्ली सरकार ने एक दिसंबर को शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल के खिलाफ मामले की जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में प्री मेच्योर जुड़वा को पैदा होने के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। अंतिम संस्कार के लिए ले जाते वक्त इनमें से एक बच्चा जीवित मिला था। केजरीवाल ने कहा, “हम इसे रोकने के लिए वैधानिक कार्यढांचे पर काम करेंगे। सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी कि फिर ऐसे मामले न हों।” इस मौके पर दिल्ली के स्वास्‍थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि उनकी सरकार मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर सौ डेंटल क्लीनिक खोलेगी।

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TAGS: दिल्ली, केजरीवाल, निजी अस्पताल, कानूनी कार्य ढांचा, Delhi, Kejriwal, Private hospital, Legal framework
OUTLOOK 05 December, 2017
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