दिल्ली में 2000 बसों को उतारने की तैयारी
दिल्ली सरकार राजधानी की सड़कों पर 2000 बसों को उतारने की तैयारी में है। निजी कारों के इस्तेमाल पर नियंत्रण करने के लिए और जन परिवहन को लोकप्रिय बनाने की दिशा में यह कदम उठाया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने तय किया है कि वह हर महीने की 22 तारीख को कार मुक्त दिवस के रूप में मनाएगी, ताकि लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने, कार पूलिंग करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने आज आउटलुक को बताया कि दिल्ली परिवहन को जनता के लिए अधिक सहज और पहुंच के भीतर बनाने के लिए पूरे राज्य का एक ट्रांसपोर्ट नक्शा तैयार किया जा रहा है। इसके तहत य देखा जाएगा कि दिल्ली के किन इलाकों में परिवहन को सुधारने के लिए क्या किया जाना चाहिए। खासतौर से बसों के रूटों का मूल्यांकन और सस्ती टैक्सी सेवा, ई-रिक्शाआदि की उपलब्धता का खास तौर से ध्यान रखा जाएगा।
गोपाल राय ने बताया कि इस समय दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत चिंताजनक है और इसकी बड़ी वजह है कारों की संख्या में हो रही बेतहाशा वृद्धि। अगर इसे रोकने के लिए बड़े औऱ कड़े कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में हालात बेकाबू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली में बसों की बेतहाशा जरूरत है, लेकिन डिपो की कमी की वजह से बसों को लाने में दिक्कत हो रही है। इस संकट को ठीक करने के लिए तीन डिपो शुरू करने जा रहे है, जो रानीखेड़ा, द्वारका और घूमनखेड़ा में बनेंगे। अभी एक हजार बसें वे हैं जिनका टेंडर पहले हो चुका था, लेकिन डिपो की कमी की वजह से नहीं हो पा रही थी। अब दिल्ली सरकार इन्हें सड़कों पर उतारने की तैयारी कर चुकी है। साथ ही, एक हजार बसें, कलस्टर में चलाई जाएंगी। इनके लिए डिपो की जरूरत नहीं पड़ेगी।