जेटली मानहानि केस: कथित झूठे हलफनामे पर हाईकोर्ट ने केजरीवाल से जवाब मांगा
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को केजरीवाल के खिलाफ हाई कोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस सिलसिले में एक याचिका दाखिल की है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हाई कोर्ट ने इस पर केजरीवाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
आरोप है कि हलफनामे में केजरीवाल ने गलत बयानी की। कहा गया कि उन्होंने पहले से चल रहे मानहानि के मामले में अपने वकील राम जेठमलानी को अरुण जेटली के खिलाफ अपमानजन शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए नहीं कहा था। जस्टिस मनमोहन ने इस संबंध में केजरीवाल को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में उनसे जवाब मांगा है। उन्होंने मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर के लिए निर्धारित की है। जेटली की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव नायर और संदीप सेठी ने अदालत ने अनुरोध किया कि उन्हें गलत बयानी और हलफमाने में झूठी जानकारी देने के लिए केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करने की अनुमति दी जाए।
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा था कि उन्होंने अपने खिलाफ दायर मानहानि के मामले में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों का इस्तेमाल करने का वकील राम जेठमलानी को निर्देश नहीं दिया था।
आरोप है कि जेठमलानी ने 17 मई की सुनवाई के दौरान जेटली के लिए अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया था। इस दौरान जेटली और उनके बीच तीखी बहस हुई थी। यहां तक कि अदालत ने भी जेठमलानी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों को लेकर आपत्ति जताई थी। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस मनमोहन ने उन टिप्पणियों को अपमानजनक और अप्रिय करार देते हुए कहा था कि इस तरह की बहस की अनुमति नहीं दी जाएगी।
गौरतलब है कि जेटली ने दिसंबर, 2015 को केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी के नेताओं कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक वाजपेयी के खिलाफ डीडीसीए भ्रष्टाचार मामले में झूठे और अपमानजनक बयान देने के लिए मानहानि का मुकदमा किया है। मामले की सुनवाई के दौरान जेठमलानी और जेटली के बीच तीखी बहस हुई थी। इस दौरान अपमानजनक शब्द इस्तेमाल करने के लिए जेटली ने केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का एक और मानहानि का दावा कर दिया था।