नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया और राहुल की याचिका खारिज
कांग्रेस पार्टी को नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। सोमवार को कोर्ट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने 2011-12 के अपने टैक्स निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने को चुनौती दी थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ कहा कि आयकर विभाग के पास यह अधिकार है कि वह टैक्स संबंधी कार्यवाही को फिर से शुरू कर सकता है।
भारत बंद को दौरान कांग्रेस को लगा झटका
कोर्ट ने आगे कहा कि याचिकाकर्ताओं को अपनी शिकायतें लेकर आयकर विभाग से संपर्क करना चाहिए। आपको बता दें कि कोर्ट का यह फैसला सोमवार को ऐसे समय में आया जब कांग्रेस के नेतृत्व में कई विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ भारत बंद किया था। कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।
सोमवार को जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस एके चावला की पीठ ने कहा, 'याचिकाएं खारिज की जाती हैं।' पीठ ने कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडीस की याचिका भी खारिज कर दी। उन्होंने भी 2011-12 के अपने कर निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने को चुनौती दी थी। इसके बाद बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए की चेयरपर्सन पर हमला बोला।
भाजपा का हमला
बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी जब कोर्ट में गए थे तो पिछली बार उन्होंने मांग की थी कि कोर्ट मीडिया को हिदायत दे कि वह नेशनल हेराल्ड केस की रिपोर्टिंग न करें। पात्रा ने दावा किया कि नेशनल हेराल्ड कंपनी केवल 5 लाख रुपये में सोनिया और राहुल गांधी ने मिलकर खोली थी। उन्होंने कहा कि यंग इंडिया के डायरेक्टर 'माताजी और बेटाजी' हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट में सोनिया गांधी को अक्यूज्ड नंबर 1 और राहुल गांधी को अक्यूज्ड नंबर 2 बुलाया जाता है।
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि बाद में इन्होंने हवाला कंपनी से 1 करोड़ रुपये लोन ले लिया। उन्होंने कहा कि 5,000 करोड़ रुपये गबन करने के लिए गांधी परिवार ने बड़ा षड्यंत्र रचा और आज नकाब उतर गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी देश को गुमराह कर रहे हैं। संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी का प्रथम परिवार भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूबा है।
क्या है मामला
कर विभाग के अनुसार, राहुल गांधी के वर्ष 2011-12 के कर आकलन को फिर से खोलने का फैसला किया गया क्योंकि उन्होंने उसमें यह जानकारी नहीं दी कि वह 2010 से कंपनी 'यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' के निदेशक थे। विभाग के अनुसार, राहुल की यंग इंडिया में जितनी हिस्सेदारी है उसके मुताबिक उनकी आय 154 करोड़ रुपये होती है न कि 68 लाख रुपये जैसा कि पहले आकलन किया गया था। आयकर विभाग तात्कालिक मामले में आयकर कानून की धारा 147 को लागू करता है। इस धारा के तहत उस आय को कर नेट में लाया जाता है जो कि वास्तविक आकलन के दौरान शामिल नहीं थी। कर विभाग पहले ही यंग इंडिया को आकलन वर्ष 2011-12 के लिए 249.15 करोड़ रुपये का नोटिस जारी कर चुका है।