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20 September 2020

दिल्ली दंगा: पुलिस का आरोप, उमर खालिद नहीं कर रहे सहयोग; कोर्ट ने कस्टडी के दौरान परिवार से मिलने की अर्जी खारिज की

File Photo

दिल्ली की एक अदालत ने रविवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद को 10 दिन के पुलिस रिमांड के दौरान अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति देने के अनुरोध को खारिज कर दिया है। खालिद को साल की शुरूआत में फरवरी महीने में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों के संबंध में गिरफ्तार किया गया है। पूर्व जेएनयू छात्र पर सांप्रदायिक दंगों को उकसाने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।

दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने अर्जी खारिज करते हुए कहा, "मामले की तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता में, मुझे आवेदन में कोई योग्यता नहीं दिखती है, और तदनुसार इस आवेदन खारिज कर दिया जाता है।"

हालांकि, दिल्ली पुलिस ने अपने जवाब में अदालत से आवेदन को खारिज करने के लिए कहा, क्योंकि खालिद को नियमित रूप से भारी डेटा के साथ सामना कराया जा रहा है। पुलिस का आरोप है कि वो जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।  

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खालिद को 13 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन कोर्ट ने उन्हें 24 सितंबर तक दस दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया। कोर्ट ने 14 सितंबर को अपने आदेश में उमर खालिद को पुलिस हिरासत के दौरान रोजाना आधे घंटे की अवधि के लिए अपने तीन वकीलों त्रिदीप पाइस, सान्या कुमार और रक्षाचंद डेका से मिलने की अनुमति दी थी।

सितंबर को खालिद के वकील त्रिदीप पाइस ने तर्क दिया कि पुलिस ने उन्हें रिमांड के समय एक मौखिक आश्वासन दिया था कि परिवार को मिलने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन अब पुलिस इनकार कर रही है। वकील पाइस ने कहा, "चूंकि पुलिस कस्टडी रिमांड असाधारण रूप से लंबा है और इसलिए आरोपी को अपने परिवार या दोस्तों के साथ मिलने से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।" पाइस ने तर्क दिया कि खालिद को कम से कम दो दिनों में अपने परिवार से 30 मिनट मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए।

 

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TAGS: Delhi Riots, Delhi Police, Umar Khalid, Delhi Court, Delhi Violence, दिल्ली दंगा, उमर खालिद, दिल्ली कोर्ट, North-East Delhi
OUTLOOK 20 September, 2020
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