दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में, पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का प्रभाव बढ़ा
दिल्ली में वायु गुणवत्ता गुरुवार सुबह ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और न्यूनतम तापमान में गिरावट की वजह से इसके और खराब होने की आशंका है। हवा की दिशा में बदलाव के कारण शहर के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी भी बढ़ गई है।
दिल्ली में आज सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 272 दर्ज किया गया। वहीं बुधवार को औसत वायु गुणवत्ता सचूकांक 211 था और यह मंगलवार को यह 171 था।
गौरतलब है कि शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक को अच्छा, 51 से 100 के बीच को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को 'मध्यम', 201 से 300 के बीच को 'खराब', 301 से 400 के बीच को 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच को 'गंभीर' माना जाता है।
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पर्यावरण अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी के सोनी ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी हवाओं की वजह से बुधवार को पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का प्रभाव थोड़ा बढ़ गया।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की, वायु गुणवत्ता की निगरानी करने वाली इकाई ‘सफर’ ने कहा कि पराली जलाने की वजह से दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषण पर असर आठ प्रतिशत रहा। यह मंगलवार को तीनफीसदी थी।
सोनी ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी पाकिस्तान में लगभग 800 जगहों पर पराली जलते देखी गई। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता पर इसका प्रभाव ज्यादा नहीं होगा। दिल्ली के लिए केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने बताया कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार और शुक्रवार को ‘खराब’ श्रेणी के निचले स्तर पर रहने की संभावना है।
हालांकि सफर का कहना है कि शुक्रवार और शनिवार को यह ‘बेहद खराब’ के निचले स्तर पर रह सकता है क्योंकि बारिश के बाद बनी मौसम की अनुकूल स्थिति अब धीरे-धीरे समाप्त हो रही है। आईएमडी ने बताया कि गुरुवार को न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया । वहीं हवा की अधिकतम गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है।
मौसम विभाग ने कहा कि दिल्ली में शनिवार तक न्यूनतम तापमान गिरकर नौ डिग्री सेल्सियस होने का अनुमान है क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों से ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो गई हैं, जहां ताजा बर्फबारी हुई है।