Advertisement
01 August 2017

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में CBI कोर्ट का फैसला: डीजी वंजारा और दिनेश एमएन बरी

Twitter

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति के फर्जी मुठभेड़ों के मामले में अपना फैसला दिया। इस मामले में गुजरात के आईपीएस अफसर रहे डीजी वंजारा और राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे दिनेश एमएन को अदालत ने बरी कर दिया। इस केस में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत कई नेताओं को पहले ही बरी किया जा चुका है।

बरी होने के बाद वंजारा के बोल

बरी किए जाने के बाद वंजारा ने एएनआई से कहा, “हमने अदालत में आरोपमुक्त किए जाने के संबंध में आवेदन दिया था और हम दोनों को बेकसूर घोषित किया गया है। हो सकता है कि भारतीय न्याय व्यवस्था धीरे काम करती हो, पर वह न्याय देती है।”

Advertisement


क्या था मामला?

डीआईजी रैंक के अधिकारी वंजारा को 24 अप्रैल 2007 को गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख के कथित फर्जी मुठभेड़ के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि सोहराबुद्दीन शेख का पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तोइबा के साथ संबंध थे। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सितंबर 2014 में वंजारा को जमानत दे दी थी। बता दें कि वंजारा को पहले गुजरात जाने की इजाजत नहीं थी, लेकिन पिछले साल अप्रैल में सीबीआई की विशेष अदालत ने वंजारा को गुजरात में प्रवेश करने और वहां ठहरने की अनुमति देकर उनकी जमानत शर्तों में ढील दी थी।

अब तक कोर्ट ने राजस्थान के 6 आरोपी पुलिसकर्मियों में से सीआई अब्दुल रहमान, एसआई हिमांशु सिंह और श्याम सिंह के डिस्चार्ज एप्लीकेशन को खारिज कर चुका है। गौरतलब है कि मामले में सीबीआई ने भाजपा नेता सहित गुजरात, राजस्थान, आंध्रा के आईपीएस सहित 35 लोगों को आरोपी बनाया था।

एनकाउंटर की कहानी

सोहराबुद्दीन को नवंबर 2005 में गांधीनगर के पास एक कथित फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया गया था। जिसके बाद उनकी पत्नी भी गायब हो गई। वंजारा पर आरोप है कि उनकी अगुवाई में कई लोगों के फर्जी एनकाउंटर किए गए थे। इनमें सोहराबुद्दीन के अलावा उसकी पत्नी कौसर बी, तुलसीराम प्रजापति, सादिक जमाल, इशरत जहां और उसके साथ मारे गए तीन अन्य लोग शामिल हैं। सोहराबुद्दीन केस में उन्हें बरी कर दिया गया है।

कौन हैं बंजारा

1987 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस ऑफिसर डीजी वंजारा क्राइम ब्रांच और  पाकिस्तानी सीमा से सटी बॉर्डर रेंज के आईजी भी रहे हैं। डीजी वंजारा गुजरात एटीएस के भी प्रमुख रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान वे एनकाउंटर विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते थे। वंजारा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान उनका करीबी पुलिस अधिकारी माना जाता रहा है।

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: DG Vanzara, Dinesh MN, discharged, Sohrabuddin Sheikh, encounter, case
OUTLOOK 01 August, 2017
Advertisement