धर्मशाला कथित बलात्कार कांड को लेकर रहस्य और राजनीति
गौरतलब है कि बीते दिनों धर्मशाला के सरकारी डिग्री कॉलेज में हुए कथित बलात्कार का मामला सोशल मीडिया में वायरल हो गया था। उसके बाद कॉलेज छात्र, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) लड़की के लिए न्याय मांगने सड़कों पर उतर आए। आज भी धर्मशाला में दिनभर पुलिस स्टेशन और उपायुक्त कार्यालय के सामने छात्रों का धरना-प्रदर्शन जारी रहा।
मामले की जांच कर रही एसआईटी ने इस मामले से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी देने वाले के लिए 25,000 का पुरस्कार भी रखा है। पुलिस इस पहलू पर भी छानबीन कर रही है कि आखिर सोशल मीडिया पर सबसे पहले इस कथित बलात्कार से संबंधित पोस्ट किसने डाली। इस बीच गुरूवार को अफवाह के मामले में पुलिस ने एक लड़की को थाने में बुलाया। उससे इस संबंध में पूछताछ की गई। पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू जांच के लिए धर्मशाला में ही हैं।
एसआईटी के गठन के एक दिन बाद ही पुलिस के इस बयान पर कि ‘बलात्कार हुआ ही नहीं है’, पर भाजपा नेता किशन कपूर कहते हैं कि हम पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। पुलिस के इतनी जल्दी आए बयान बताते हैं कि जांच हुई ही नहीं। क्या ऐसे मामलों की जांच इतनी जल्दी हो जाती है? भाजपा के मीडिया सहप्रभारी हेमंत मिश्रा का कहना है कि पुलिस और सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। वैसे इस मामले को लेकर बहुत से रहस्य बरकरार है। जैसे- बलात्कार हुआ है या नहीं ? नहीं हुआ तो इस षड़यंत्र के पीछे कौन है?, पीड़िता आखिर है कहां, बलात्कार वाले दिन वह कॉलेज आई थी या नहीं, उसकी हाजिरी लगी या नहीं, वह महिला कौन थी जो पीड़िता की बहन बनकर प्रिंसीपल के पास शिकायत लेकर गई थी कि उसकी बहन के साथ बलात्कार हुआ है। इस मामले में बेशक पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है लेकिन मामले के ज्यादातर पहलुओं को लेकर रहस्य कायम है।