दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए डीजल जनरेटरों पर बैन लगाया गया
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए पिछले दिनों दिवाली पर पटाखा बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट ने बैन लगाया था। अब दिल्ली सरकार भी प्रदूषण को लेकर कड़े कदम उठा रही है। इसी के चलते सरकार ने डीजल जनरेटर्स पर बैन लगा दिया है। फिलहाल यह रोक मार्च तक के लगाई गई है।
पीटीआई के मुताबिक, बदरपुर पॉवर प्लांट भी बंद किया गया है। वहीं जल्द ही, दिल्ली के 17 इलाकों की जगह 37 इलाकों का प्रदूषण स्तर ऑनलाइन होगा।
ध्वनि प्रदूषण पर
इसके अलावा राज्य सरकार ने ध्वनि प्रदूषण के लिए कई नियम लागू किए गए हैं। बस का हॉर्न बजा और जेब से ड्राइवर साहब के 500 रुपए गए। अंतर्राज्यीय बस अड्डों में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार ने आदेश जारी किया है कि कैंपस के अंदर हार्न बजाने पर 500 और कंडक्टर द्वारा आवाज लगाकर सवारी बुलाने पर 100 रुपया जुर्माना भरना पड़ेगा।
पहले भी किए गए प्रयास
बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। दिल्ली सरकार ने इस गंभीर समस्या पर ध्यान देते हुए सबसे पहले वाहनों की संख्या कम करने के लिए ऑड-इवन सिस्टम लागू किया था, लेकिन यह फॉर्मूला पूरी तरह से काम नहीं कर पाया। इसके बाद राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में दस साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों पर बंदिश लगाई हालांकि इन फैसलों के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं मिल पाए।
2016 में धुंध भरी दिल्ली
पिछले साल दीपावली पर आतिशबाजी और दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में धान की पराली जलाने की वजह से दिल्ली में प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए् थे। कई दिनों तक आसमान में धुएं की धुंध छाई रही। पिछले अनुभव को देखते हुए इस बार सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा कदम उठाते हुए दीपावली पर पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। पटाखों के बाद अब जनरेटर और ध्वनि प्रदूषण को लेकर उठाए गए कदम निश्चित ही दिल्लीवासियों को कुछ राहत जरूर प्रदान करेंगे।