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16 January 2020

विवादास्पद बयान देने वाले भाजपा के दिलीप घोष फिर बने प.बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष

“कुत्तों की तरह गोली मारने” जैसे विवादास्पद भाषण के बाद भी भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में दिलीप घोष को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में दूसरे कार्यकाल को हरी झंडी दे दी है। बड़बोलेपन और विवादास्पद बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले दिलीप घोष पश्चिम के फायर ब्रॉन्ड नेता समझे जाते हैं और पार्टी की निगाहें उनके सहारे 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर हैं।

बयान पर हुई थी आलोचना

घोष अकसर वे ऐसे बयान दे देते हैं, जिनसे पार्टी को कन्नी काटनी पड़ती है। कुत्ते वाले बयान पर भी पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था। जबकि पश्चिम बंगाल के ही एक और भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो बाबुल ने दिलीप घोष की टिप्पणी को “गैर जिम्मेदाराना” कह कर खारिज कर दिया था। सुप्रियो ने कहा था कि उन्होंने जो कुछ कहा उसका बीजेपी से कोई लेना देना नहीं है। यह उनकी कल्पना है। असम में कभी भी किसी भी कारण लोगों को गोली नहीं मारी गई।

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आगामी विधानसभा चुनावों पर नजर

वहीं दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद घोष ने कहा, “2021 का चुनाव अब हम जीतने के लिए लड़ेंगे।” पहली बार घोष 2015 में प्रदेश अध्यक्ष बन थे। लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव के कारण दिसंबर 2018 में कार्यकाल पूरा होने के बाद भी वे अपने पद पर बने हुए थे। 2021 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और भाजपा को बेहतर नतीजों की उम्मीद है। दिलीप घोष की पार्टी के साथ स्थानीय स्तर पर भी अच्छी पकड़ है।

घोष ने हाल ही में एक सार्वजनिक सभा में कहा था कि सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने वालों को हमने (यूपी-असम सरकार) ने कुत्तों की तरह मारा। उन्होंने कहा कि जो भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा उस पर न सिर्फ लाठी चार्ज किया जाएगा बल्कि जरूरत पड़ी तो गोली मार दी जाएगी। हालांकि उनके इस बयान के बाद भाजपा ने इसे उनकी निजी राय बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया था। घोष खड़गपुर के सांसद भी है। आजकल वे नए संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में कई जगह कार्यक्रम और रैलियां कर रहे हैं।

ममता बनर्जी पर निशाना

घोष के निशाने पर अकसर ही ममता बनर्जी रहती हैं। उनका कहना है कि ममता बनर्जी वोट की खातिर चुप रहती हैं। उनका आरोप है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने वालों के खिलाफ इसलिए कार्रवाई नहीं करती क्योंकि वे “उनके मतदाता हैं।”

जेएनयू हिंसा पर भी विवादित बयान

उनकी टिप्पणी से आहत तृणमूल कांग्रेस ने नादिया और उत्तर 24 परगना जिलों में दिलीप घोष के खिलाफ दो पुलिस शिकायतें दर्ज की हैं। घोष ने जेएनयू हिंसा मामले में जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइष घोष के बारे में कहा था कि उनके माथे से बह रहे खून की जांच होनी चाहिए कि क्या वह वास्तव में घायल थीं या उसने अपने चेहरे पर पेंट लगाया था।

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TAGS: Dilip Ghosh, West Bengal BJP president
OUTLOOK 16 January, 2020
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