चेन्नई में प्रधानमंत्री का विरोध, काले गुब्बारे पर लिखा 'मोदी गो बैक'
गुरुवार को चेन्नई में डिफेंस एक्सपो में रक्षा प्रदर्शनी का निरीक्ष्ाण्ा करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान काले झंडे और काले गुब्बारे दिखाए गए, जिस पर लिखा था 'मोदी गो बैक'। कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग के मुद्दे पर प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को डिफेंस एक्सपो के 10वें संस्करण को संबोधित करने पहुंचे थे।
प्रदर्शनकारियों ने दिखाए काले झंडे
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पीएम मोदी के चेन्नई एयरपोर्ट पहुंचने के बाद वहां अलांदुर क्षेत्र के लोगों ने कावेरी जल बंटवारे की मांगों के साथ प्रदर्शन किया। इसके साथ ही, एयरपोर्ट के करीब वजाविरिमै काची नेता वेलमुरगन और कई प्रदर्शनकारियों ने वहां इकट्ठा होकर नारेबाजी भी की। पुलिस ने विरोध प्रदर्शन करने वालों को अपनी हिरासत में ले लिया है।
एक दिन के उपवास पर पीएम मोदी
आज प्रधानमंत्री एक दिन के उपवास पर हैं। चेन्नई दौरे के दौरान भी पीएम का विपक्ष के खिलाफ उपवास जारी रहेगा। एक्सपो का उद्घाटन करने के बाद पीएम तमिलनाडु में भी कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री चेन्नई में एक कैंसर संस्थान का भी दौरा करेंगे। इसके अलावा कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे।
डिफेंस एक्सपो में क्या कहा पीएम मोदी ने-
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज महाबलीपुरम में लगी रक्षा प्रदर्शनी का दौरा किया। देश में हथियारों का सबसे बड़ा मेला डिफेंस एक्सपो बुधवार से चेन्नई के बाहरी इलाके थिरुविदंदाई में शुरू हो गया। चार दिन तक चलने वाले एक्सपो में रक्षा साजोसामान बनाने वाली 670 से ज्यादा कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। इस बार भारत अपनी रक्षा निर्यात क्षमता दिखा रहा है। 10वें डिफेंस एक्सपो की थीम ‘इमर्जिंग डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब’ है।
ये वही ऐतिहासिक शहर है, जहां से शिक्षा-व्यापार के तार जुड़े हैं
इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैं चोल की धरती पर आकर बहुत खुश हूं। यह वही ऐतिहासिक शहर है जहां से शिक्षा और व्यापार के तार जुड़े हैं। पीएम ने एक्सपो में शामिल होने वाली कंपनियों का स्वागत करते हुए कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि इस बार इस प्रदर्शनी में 500 से अधिक भारतीय कंपनियां भाग ले रहीं है जबकि 150 से अधिक विदेशी कंपनियों ने हिस्सा लिया है।
कांग्रेस पर कसा तंज
पीएम ने एक बार फिर इशारों इशारों में कांग्रेस पर तंज कसा और कहा कि आप लड़ाकू विमानों की खरीद की लंबी अवधि वाली प्रक्रिया को नहीं भूले होंगे जो अपने निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकी लेकिन हमने इस मामले में कड़े कदम उठाए और 110 सेनानी एयरक्राफ्ट खरीद की नई पक्रिया भी शुरू कर दी गई है। पीएम ने कहा कि एक समय था जब रक्षा से जुड़े मामलों में आलस, अक्षमता की वजह से ढिलाई बरती जाती थी, इन मामलों के साथ्ा कुछ लोगों के निजी हित जुड़े होते थे जिसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, न होगा और न होने देंगे।
देश में शांति के लिए हम प्रतिबद्ध हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में शांति के लिए हम प्रतिबद्ध हैं और यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की देश के नागरिक और हमारी टेरीटरी है। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए हम अपने सशस्त्र बलों को मजबूत बनाने के सभी उपाय करने के लिए तैयार हैं। और इसी कड़ी में इंडीपेंडेट डिंफेंस इंडस्ट्रीयल कॉंपलेक्स की स्थापना भी शामिल है। पीएम ने कहा कि हम आने वाले समय में देश में दो डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर का निर्माण करेंगे। इनमें से एक तमिलनाडु में और दूसरा उत्तर प्रदेश में बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह ध्यान देने योग्य है कि रक्षा उत्पादन में छोटे और मध्यम क्षेत्र का योगदान पिछले 4 वर्षों में 200% बढ़ गया है।
670 से भी ज्यादा प्रदर्शक शिरकत करेंगे
डिफेंस एक्सपो- 2018 के उद्घाटन समारोह में लगभग 150 अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शकों सहित 670 से भी ज्यादा प्रदर्शक शिरकत करेंगे। इस वर्ष सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र का लगभग 15 प्रतिशत का समुचित प्रतिनिधित्व होगा।
क्या है कावेरी विवाद?
कावेरी नदी के बेसिन में कर्नाटक का 32 हजार वर्ग किलोमीटर और तमिलनाडु का 44 हजार वर्ग किलोमीटर का इलाका आता है। दोनों ही राज्यों का कहना है कि उन्हें सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है। इसे लेकर दशकों से विवाद चल रहा है।
इस विवाद के निपटारे के लिए जून 1990 में केंद्र सरकार ने कावेरी ट्राइब्यूनल बनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी नदी के जल के बंटवारे में तमिलनाडु के हिस्से का पानी घटा दिया और कर्नाटक का हिस्सा बढ़ा दिया था।
कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन नहीं होने पर नाराजगी
कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) और कावेरी जल नियामक समिति (सीडब्ल्यूआरसी) का अभी तक गठन नहीं हुआ। इन बातों को लेकर तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन जारी है। तमिलनाडु ने केंद्र के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर की थी और कहा था कि वह कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड की स्थापना करने में विफल रही है। सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा कि 3 मई को तमिलनाडु की उस याचिका पर भी सुनवाई होगी।
इससे पहले 16 फरवरी को सुनाए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कावेरी जल विवाद पर 6 हफ्तों के अंदर योजना लागू करने के लिए कहा था। इसे लेकर केंद्र ने 6 हफ्तों का समय मांगा था, लेकिन समयसीमा निकल जाने पर केंद्र ने इसे 3 महीने और बढ़ाए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
SC ने केंद्र को लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी नदी के जल बंटवारे को लेकर 9 अप्रैल को सुनवाई की थी और इस दौरान जल बंटवारे के फैसले को लागू करने के लिए योजना तैयार न कर पाने के लिए केंद्र को फटकार लगाई थी। अब कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वह 3 मई तक इस फैसले को लागू करने के लिए योजना तैयार करे।