गोरखपुर कांड में इंसेफेलाइटिस विभ्ााग के डॉक्टर कफील खान निलंबित, जानिए वजह
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के डॉक्टर कफील खान को निलंबित कर दिया गया है। उनकी जिम्मेदारी अब डॉक्टर महेश शर्मा को दी गई है। डॉक्टर कफील इंसेफेलाइटिस वार्ड के इंचार्ज थे। रविवार को मुख्यमंत्री योगी के बीआरडी अस्पताल के दौरे के बाद डॉ. खान पर यह कार्रवाई की गई।
क्या है वजह?
डॉ. खान पर आरोप है कि वे प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉक्टर कफील पर कार्रवाई इसलिए की गई है, क्योंकि वो सरकारी डॉक्टर रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे थे। समाचार चैनल एबीपी न्यूज के मुताबिक कफील की पत्नी डॉक्टर शबिस्ता खान गोरखपुर में बच्चों का अस्पताल चलाती हैं। डॉ कफील पर आरोप है कि वे सरकारी अस्पताल की नौकरी करते हुए भी अपनी पत्नी के अस्पताल से पूरी तरह जुड़े रहे। हालांकि इस आरोप को डॉ कफील के रिश्तेदार गलत बता रहे हैं।
इसलिए हुए थे चर्चित
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर कफील खान बच्चों को बचाने के लिए पूरी शिद्दत से लगे हुए थे। कहा जा रहा है कि गुरुवार की रात लगभग 2 बजे कफील खान को अस्पताल से फोन आया कि ऑक्सीजन खत्म होने को है। यह सुनते ही वे हड़बड़ा गए और अपने ड्राइवर को जगाया। उस समय अस्पताल में इंसेफेलाइटिस से पीड़ित लगभग 400 बच्चे भर्ती थे।
पत्रकार आवेश तिवारी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, “डॉ महिमा मित्तल के पति को स्वाइन फ्लू हुआ है। डॉ कफील अहमद के कपड़े पसीने से भीगे हुए हैं सिर्फ ये दो नही कई डॉक्टर पिछले 48 घंटों से नही सोये। मौत की उस रात में इन सबने अपने अपने-एटीएम से रात में पैसे निकाले और जिससे जहां से हो सका उस दिशा में दौड़ गया और अपनी कार में आक्सीजन सिलेंडर भर कर ले आया। डॉ महिमा तो लगभग पागल सी हो गई हैं, एक तरफ पति दूसरी तरफ ढेर सारे बच्चे। डॉ कफील कहते हैं हमने जो किया बच्चों के लिए किया। आप सब भी सुनो आज आपको अगर कोई डॉक्टर मिले तो उसके हाथों को चूम लेना।”
सिलेंडर चोरी पर भी हो रही है बहस?
सोशल मीडिया पर डॉक्टर कफील खान पर ऑक्सीजन चोरी के भी आरोप लगाए जा रहे हैं। हालांकि कुछ लोग इसे बेबुनियाद करार दे रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार अजित साही ने अपने फेसबुक पोस्ट में दावा किया है कि अस्पताल से सिलिंडर चोरी करने का सवाल ही नहीं उठता है क्योंकि अस्पताल के उस इंसेफेलाइटिस वार्ड में जहां मौतें हुईं मरीजों को सीधे सिलिंडर से नहीं बल्कि पाइप के जरिए हर बिस्तर पर ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है।
यह भी कहा जा रहा है कि डॉक्टर खान के राजनीतिक रूझान के चलते भी उन्हें टार्गेट किया गया। उन्हें अपने राजनैतिक रुझान का भी नुकसान उठाना पड़ा। वे सपा के पक्ष में कई बार ट्ववीट कर चुके थे।