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28 January 2023

उत्तराखंड में बेतहाशा बढ़े वोटरों की जांच कराएगा चुनाव आयोग, पिछले 10 वर्षों के अंतराल में तेजी से बढ़े मतदाता

file photo

देहरादून। उत्तराखंड में पिछले 10 वर्षों के अंतराल में तेजी से बढ़े मतदाताओं की संख्या के कारणों की अब राज्य स्तर पर जांच होगी। भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखकर हर जिले में जिला स्तर, विधानसभा क्षेत्र स्तर और मतदान केंद्र स्तर पर कमिटियों का गठन कर त्वरित जांच का आदेश दिया है।

वर्ष 2022 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान देहरादून स्थित थिंक टैंक एसडीसी फाउंडेशन ने पिछले 10 वर्षों में राज्य में मतदाताओं की संख्या में हुई अप्रत्याशित बढ़ोतरी को लेकर निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट जारी की थी। फाउंडेशन ने मतदाता बढ़ोतरी की तुलना उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर और गोवा के मतदाताओं से की थी। इन सभी राज्यों में से उत्तराखंड में मतदाताओं की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई थी।

इस रिपोर्ट के आधार पर पूर्व आईएफएस अधिकारी और उत्तराखंड रक्षा मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. वीके बहुगुणा ने मुख्य चुनाव आयुक्त से पहले प्रधानमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को भी इस बारे में पत्र लिखे थे और लगातार मामले की जांच करवाने की मांग करते रहे। उन्होंने कहा था कि मतदाताओं की संख्या में इस असामान्य बढ़ोतरी से उत्तराखंड की सांस्कृतिक अखंडता को खतरा पैदा हो गया है। उत्तराखंड की कैरिंग कैपेसिटी कई साल पहले ही खत्म हो चुकी है।

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करीब 10 महीने बाद आखिकार भारत निर्वाचन आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को पूरे राज्य में मामले की जांच के आदेश दिये हैं । राज्य निर्वाचन आयोग ने इस आधार पर जिले, विधानसभा क्षेत्र और मतदान केंद्र में कमेटियां गठित करने का आदेश सभी जिलाधिकारियों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को भेजा है।

एसडीसी फाउंडेशन की रिपोर्ट के आधार पर जांच के लिए जिला स्तर पर बनाई जाने वाली समिति में उप जिला निर्वाचन अधिकारी सहित चार सदस्य होंगे। विधानसभा क्षेत्र स्तर की समिति में निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारी सहित चा सदस्य और बूथ स्तर की समिति मे उप जिलाधिकारी द्वारा नामित पटवारी सहित पांच सदस्य होंगे। राज्य चुनाव आयोग ने यह जांच पूरी करके 28 फरवरी, 2023 तक रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने चुनाव आयोग द्वारा अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में मतदाताओं की संख्या में कहीं ज्यादा बढ़ोत्तरी की जांच के आदेश दिये जाने पर संतोष जताया। उन्होंने कहा की जिन सीटों पर मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है, वे सभी मैदानी सीटें हैं। प्रदेश की 70 सीटों मे देहरादून जिले के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदाता बढ़े हैं। पिछले 10 वर्षों में इस विधान सभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 72 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। धर्मपुर के अलावा रुद्रपुर, डोईवाला, सहसपुर, कालाढूंगी, काशीपुर, रायपुर, किच्छा, भेल रानीपुर और ऋषिकेश की टॉप 10 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में सबसे ज्यादा 41 फीसदी से लेकर 72 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। नौटियाल ने कहा की इतनी बड़ी संख्या में सम्भवता बाहर से आकर लोगों के उत्तराखंड में बसने से राज्य के शहरों की कैरिंग कैपेसिटी पर बहुत अधिक दबाव बड़ा है। राज्य के ज्यादातर शहर पहले से ही अपनी कैरिंग कैपेसिटी से कहीं ज्यादा बोझ झेल रहे हैं। इससे नागरिक सुविधाओं की कमी और विभिन्न किस्म की शहरी समस्याएं लगातार बढ़ रही है। नौटियाल ने आशंका जताई है कि मतदाताओं की संख्या में इस बढ़ोत्तरी का संबंध अगले नौ महीने में होने वाले स्थानीय नगर निकायों के चुनाव से भी हो सकता है। उत्तराखंड में आठ नगर निगम देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, कोटद्वार, हल्द्वानी, काशीपुर और रुद्रपुर हैं। उन्होंने कहा की इन्हीं आठ शहरों और उनके जिलों में मतदाताओं की संख्या में सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

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OUTLOOK 28 January, 2023
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