Advertisement
06 June 2017

मध्यप्रदेश: हिंसा के बाद किसानों का आरोप, कहा- मंदसौर में इमरजेंसी जैसे हालात

उधर भीड़ को काबू करते वक्त तीन पुलिस कर्मियों के घायल होने की खबर है। मंदसौर, रतलाम, नीमच में इंटरनेट सेवा पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। वहीं राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ आंदोलन को और बड़ा रूप देने की चेतावनी दे रहा है। मजदूर संघ बुधवार को प्रदेश व्यापी बंद का ऐलान भी कर सकता है।

घटना के बाद आज नीमच और मंदसौर सहित दोनों जिलों में कई स्थानों पर शहर और कस्बे बंद रहे। उग्र हुए आंदोलनकारियों ने वही पार्श्वनाथ चौपाटी पर खड़े करीब 10 वाहनों में आग लगा दी और अनमोल प्रोडक्ट की दूकान को भी आग के हवाले कर दिया।

 बौखलाये आंदोलनकारियों ने कुछ दुकानों में तोड़फोड़ कर दी और आग के हवाले कर दिया। बिगड़ती स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पिपलिया में कर्फ्यू लगाया गया है।

Advertisement

सूचना पाते ही एसपी ओपी त्रिपाठी और कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह पिपलिया मंडी पहुँचे। जबकि नीमच एसपी मनोज कुमार सिंह मौके पर हैं।प्रदेश में किसान 6 दिनों से हड़ताल पर हैं।  सोमवार रात आंदोलन उग्र होता दिखा तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया।

 सोमवार को नीमच के भरभड़िया फोरलेन चौराहे पर किसानों ने चक्काजाम कर दिया। किसानों और पुलिस के बीच जमकर पथराव हुआ। पुलिस ने जमकर लाठिया बरसाई और भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। पिछले छह दिन में रतलाम, धार, इंदौर, देवास समेत कई क्षेत्रों में प्रदर्शनकारी उग्र हो चुके हैं।

 इधर किसान नेता तरुण बाहेती ने कहा कि किसान आंदोलन में किसानों की आवाज़ दबाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार दमनकारी नीति पर उतर आई है। प्रशासन ने नीमच मंदसौर जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है जिससे किसानों की आवाज़ को दबाया जा सके। इससे स्पष्ट हो रहा है कि नीमच मंदसौर में इमरजेंसी जैसे हालात हो गए है। बाहेती ने कहा कि इंटरनेट बंद करने जैसा कार्य तो सरकार जम्मू कश्मीर में करती है, लेकिन प्रशासन ने किसानों के वाजिब आंदोलन को सही तरीके से नहीं लिया और गलत तरीके से पेश किया है।

 बाहेती ने कहा कि ये ओर शर्मनाक है कि किसान आंदोलन के छह दिन बीतने पर भी प्रदेश सरकार इस पर कोई बात करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि यह भी विडम्बना है कि नीमच जिले में किसानों पर अश्रुगैस, लाठीचार्ज, गिरफ्तारी के बाद कोई भी स्थानीय जनप्रतिनिधि किसानों की बात सुनने नही पहुंचा है।

 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से रविवार को उज्जैन में हुई चर्चा के बाद भारतीय किसान संघ शिवकांत दीक्षित ने घोषणा की थी कि सरकार द्वारा उनकी सारी बातें मान ली जाने पर आंदोलन को स्थगित किया जाता है। घोषणा के बावजूद प्रदेश में कई स्थानों पर आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया है |

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: mp farmers death, violence in mandsaur, cm shivraj singh
OUTLOOK 06 June, 2017
Advertisement