मुठभेड़ विवाद: आदिवासी महिला की मौत का मामला हाई कोर्ट पहुंचा
बिलासपुर उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अमरनाथ पांडेय ने बताया कि उच्च न्यायालय में आज मुख्य न्यायाधीश की युगल पीठ के समक्ष गोमपाड़ मुठभेड़ में मारी गई आदिवासी युवती मड़कम हिड़मे मामले में दायर जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई हुई। पांडेय ने बताया कि आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक संकेत ठाकुर ने यह याचिका दायर की है। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान वहां मौजूद मड़कम के माता-पिता से भी मामले में शपथ पत्र देने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई कल होगी। अधिवक्ता ने बताया कि बस्तर क्षेत्र के सुकमा जिले के कोंटा थाना के अंतर्गत गोमपाड़ गांव में एक सप्ताह पूर्व कथित मुठभेड़ में आदिवासी युवती मड़कम हिड़मे की मौत हो गई थी। आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक संकेत ठाकुर ने याचिका में इस मुठभेड़ पर सवालिया निशान लगाते हुए हिड़मे को निर्दोष बताया है और पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।
याचिका में यह भी मांग की गई है कि मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाए तथा शव का पोस्टमार्टम कराया जाए जिससे गोमपाड़ मुठभेड़ का सच सामने आ सके। याचिका में मड़कम हिड़मे के परिवार को बीस लाख रूपए मुआवजा देने की मांग भी की गई है। पांडेय ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजय के अग्रवाल की युगलपीठ में आज प्रारंभिक सुनवाई के दौरान न्यायालय में मड़कम हिड़मे के माता-पिता भी मौजूद थे। न्यायालय ने निर्देश किया कि मृतका के माता-पिता भी इस मामले में शपथ-पत्र प्रस्तुत करें।