Advertisement
06 August 2018

सीएम के सपनों पर फेर रहे थे पानी, लखनऊ और मथुरा के अधिशासी अभियंता के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश

file photo

उत्तर प्रदेश को औद्योगिक रूप से विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए हाल ही में इंवेस्टर समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का भी आयोजन किया गया था। साथ ही सिंगल विंडो सिस्टम के लिए ऑनलाइन निवेश मित्र पोर्टल भी शुरू किया गया है, लेकिन निचले स्तर पर अधिकारियों के हीलाहवाली से उद्यमियों को दिक्कतें भी हो रही हैं। ऐसे ही दो मामलों में तीन माह से बिजली कनेक्शन नहीं देने पर प्रमुख सचिव ऊर्जा ने लखनऊ और मथुरा के अधिशासी अभियंता के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

चिनहट क्षेत्र में उद्योग स्थापना के लिए उद्यमी ने 50 किलोवाट विद्युत भार के कनेक्शन की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने प्रॉसेसिंग फीस और स्टीमेट धनराशि भी जमा कर दी थी। इसके बाद भार स्वीकृत कर दिया गया था, लेकिन कनेक्शन देने में अधिकारियों ने तीन महीने का विलंब किया। इसी तरह मथुरा के अग्ररिया एग्रो प्रोडक्ट इकाई पर 100 केवीए के कनेक्शन के लिए प्रॉसेसिंग फीस और स्टीमेट धनराशि जमा करने के बावजूद कनेक्शन देने में तीन महीने का विलंब किया गया।

प्रमुख सचिव ऊर्जा के संज्ञान में उद्योग बंधु द्वारा यह प्रकरण लाया गया, जिस पर उन्होंने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रबंध निदेशक मध्यांचल और दक्षिणांचल को निर्देशित किया है कि अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खंड द्वितीय कोसी मथुरा और अधिशासी अभियंता चिनहट के खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही करें। प्रमुख सचिव ने कहा कि शासन द्वारा वर्तमान में उद्योगों के लिए विभिन्न सुविधाएं देते हुए औद्योगिक निवेश का वातावरण तैयार किया गया है। ऊर्जा विभाग से भी अपेक्षा है कि उद्यमियों के कनेक्शन निर्धारित समयावधि में मिलें, लेकिन दोनों मामलों में कनेक्शन देने में तीन माह की समयावधि सम्बन्धित अधिकारियों की कार्य शैली और उनके दायित्वों के निर्वहन में शिथिलता दर्शाती है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: x yogi adityanath, chief minister, uttar Pradesh, Engineers, paying, attention
OUTLOOK 06 August, 2018
Advertisement