'कुछ दिन साथ रहने का मतलब लिव-इन रिलेशनशिप नहीं', कपल की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया यह जवाब
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट कर दिया है यदि दो व्यस्क आपसी सहमति से कुछ दिनों तक साथ रहे तो इसका मतलब यह नहीं कि वे लिव-इन रिलेशनशिप में हैं। उच्च न्यायालय का कहना है कि कोई भी कपल कितने लंबे समय से साथ रह रहा है और वह सामने वाले के लिए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा है या नहीं, इन सबसे मिलकर ही कोई रिश्ता शादी के बराबर होता है।
हाईकोर्ट के जज मनोज बजाज ने यमुनानगर जिले के एक कपल द्वारा फाइल की गई याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया था। इस कपल ने अपने परिवार से सुरक्षा की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में अर्जी दी थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार यह कपल कुछ दिनों से ही लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था। हाई कोर्ट ने इस प्रकार की अर्जी दायर करने के लिए इस जोड़े पर 25 हजार रुपये का दंड भी लगाया गया।
18 साल की लड़की और 20 साल के लड़के की ओर से दायर की गई याचिका पर पीठ विचार कर रही थी। कपल ने दावा किया था कि वे एक दूसरे से प्यार करते हैं और वयस्क होने पर शादी करने का फैसला किया है। सुरक्षा याचिका में यह कहा कि लड़की के माता-पिता उनके खिलाफ हैं और उन्होंने अपनी पसंद के लड़के के साथ उसकी शादी करने का फैसला किया है और उन्हें झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की चेतावनी भी दी है। इस वजह से वह अब लिव-इन रिलेशन में रहते हैं।