उन्नाव केस की पीड़िता बोली, ‘पहले विधायक को गिरफ्तार करो, मेरे चाचा की जिंदगी को खतरा’
उन्नाव केस को लेकर भले ही योगी सरकार ने आरोपी भाजपा विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और जांच को सीबीआई के हवाले करने की कार्रवाई कर दी हो। लेकिन विधायक की गिरफ्तारी अभी तक संभव नहीं हो सकी है।
इस बीच पीड़िता ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि उनके पिता की हत्या के बाद भी अब तक इतने सारे सवाल उठाए जा रहे हैं, ऐसे में उन्हें न्याय कैसे मिलेगा?
उन्होंने कहा, “सीबीआई जांच ठीक है, लेकिन पहले विधायक को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। क्योंकि वह जांच को हरहाल प्रभावित करेगा, अब मैं अपने चाचा के जीवन को लेकर डर रही हूं।”
जबकि इस मामले में विधायक की गिरफ्तारी को लेकर सूबे के डीजीपी का कहना है कि कोई भी आरोपी विधायक का बचाव नहीं कर रहा है। वे सभी कह रहे हैं कि उनको दोनों पक्षों को सुनना होगा। अब मामला सीबीआई को दिया गया है, वही गिरफ्तारी पर फैसला करेगी।
इधर विधायक के खिलाफ अब जाकर आईपीसी की धारा 363, 366, 376, 506 और पास्को एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ। इस एफआईआर में विधायक कुलदीप सिंह के साथ उनके भाई शशि सिंह को भी नामजद किया गया है।
एफआईआर दर्ज होने की बाद पीड़िता के चाचा ने कहा कि अगर ये ही एफआईआर पहले दर्ज होती तो शायद उनके भाई जिंदा होते। उन्होंने कहा, “हम खुश हैं कि आखिरकार कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, यह बहुत पहले किया गया होता तो मेरे भाई (पीडिता के पिता) आज जिंदा होते। फिर भी, यह देखते हैं कि उसे गिरफ्तार किया जाएगा या नहीं।”
गौरतलब है कि उन्नाव जिले की एक युवती कथित तौर पर एक साल से भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराने के लिए भटक रही है। मामला पिछले साल 4 जून का है। जब युवती की मां ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित कुछ लोगों के खिलाफ रेप की शिकायत की थी। लेकिन 3 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल ने मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया। 8 अप्रैल (रविवार) को पीड़िता ने परिवार समेत मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। 9 अप्रैल को पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई।