बिहार में कोसी और बागमती नदियों के तटबंध टूटने से बाढ़ की स्थिति और खराब
बिहार के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति सोमवार को और खराब हो गई, क्योंकि दरभंगा जिले में कोसी नदी और सीतामढ़ी में बागमती नदी के तटबंध टूट गए।
उन्होंने बताया कि कोसी नदी उफान पर थी और रविवार देर रात करतारपुर प्रखंड के पास इसका तटबंध टूट गया, जिससे दरभंगा में किरतारपुर और घनश्यामपुर गांव जलमग्न हो गए, जबकि सीतामढ़ी जिले के रुन्नी सैदपुर प्रखंड में बागमती नदी के तटबंध में रिसाव की खबर है।
एक अधिकारी ने कहा, "तटबंधों के ताजा टूटने से बाढ़ की स्थिति खराब हो गई है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। घबराने की कोई बात नहीं है।"
उन्होंने कहा, "राज्य जल संसाधन और आपदा प्रबंधन विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। राज्य के विभिन्न भागों से अब तक तटबंध टूटने की कुल छह घटनाएं सामने आई हैं। इनमें से कुछ की मरम्मत हो चुकी है तथा अन्य के लिए काम चल रहा है।"
बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को पीटीआई को बताया, "राज्य के विभिन्न भागों से अब तक तटबंध टूटने की कुल छह घटनाएं सामने आई हैं। उनमें से कुछ की मरम्मत हो चुकी है तथा अन्य पर काम चल रहा है।"
उन्होंने बताया कि सीतामढ़ी के मधकौल गांव में बागमती नदी का तटबंध और पश्चिम चंपारण में गंडक नदी का तटबंध अत्यधिक पानी के दबाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया, जिसके परिणामस्वरूप वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाढ़ आ गई।
मंत्री ने कहा, "दरभंगा के वाल्मीकिनगर और कीरतपुर में तटबंधों के ऊपर पानी बहने की खबर है। लेकिन अब कई नदियों का जलस्तर घटने लगा है। बाढ़ के कारण बिहार में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।"
उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश के वाराणसी और झारखंड के रांची से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरएफ) की छह और टीमें तैनात की जा रही हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सोमवार को जारी बुलेटिन में कहा गया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य में तैनात एनडीआरएफ की 12 टीमों और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीआरएफ) की 22 टीमों के अतिरिक्त इन्हें भी लगाया जा रहा है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, "कई छोटी नदियों में जलस्तर घटने के बावजूद कुल मिलाकर स्थिति गंभीर बनी हुई है और 16 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। अभी तक किसी के मरने की खबर नहीं है।"
बिहार सरकार ने शनिवार और रविवार को बीरपुर और वाल्मीकिनगर बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के उत्तरी, दक्षिणी और मध्य भागों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है।
हालांकि, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि गंडक और कोसी नदियों पर वाल्मीकिनगर और बीरपुर बैराजों से पानी का बहाव आज सुबह कम हो गया। उन्होंने बताया कि रविवार को वाल्मीकिनगर बैराज से 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि सोमवार को सुबह आठ बजे तक यह 1.89 लाख क्यूसेक था।
अधिकारी ने बताया कि इसी प्रकार, बीरपुर बैराज से 29 सितंबर को पानी का निर्वहन 6.61 लाख क्यूसेक था और सोमवार सुबह आठ बजे तक यह घटकर 2.88 लाख क्यूसेक रह गया।
राज्य के प्रभावित जिलों में पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और भोजपुर शामिल हैं।