लखनऊ में पूर्व भाजपा विधायक के बेटे की गोली मारकर हत्या, विधानसभा भवन के पास हुई वारदात
भाजपा शासित उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सरेआम पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी के इकलौते बेटे वैभव तिवारी (28) की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा भवन और प्रदेश भाजपा कार्यालय से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर इस वारदात को अंजाम दिया गया।
मृतक वैभव तिवारी कसमण्डा अपार्टमेंट में अपने ममेरे भाई के साथ बैठा बातें कर रहा था। इसी बीच एसयूवी से आए बदमाशों ने वैभव को बातचीत के बहाने बाहर बुलाया। इस दौरान बदमाशों और वैभव में किसी बात को लेकर बहस होने लगी जिसके बाद उन्होंने वैभव पर गोली चला दी। सीने में गोली लगने से वह गिर गया। हमलावर गाड़ी में बैठकर फरार हो गए। घरवालों ने वैभव को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सभी आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश शुरू की। जानकारी के मुताबिक वैभव तिवारी की हत्या में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने सूरज शुक्ला के पिता तथा चाचा को हिरासत में लिया है। हिंदुस्तान के मुताबिक हत्या का आरोप वैभव के दोस्त सूरज शुक्ला और विक्रम सिंह पर है। आरोप है कि शनिवार की रात दोनों ने वैभव को फोन करके घर के बाहर बुलाया था। वैभव कसमंडा हाउस के बाहर निकला और मेन गेट के बाहर खड़ी कार के पास पहुंचा। सूरज और विक्रम कार में ही बैठे थे। बातचीत के दौरान सूरज और वैभव के बीच गाली-गलौज होने लगी। मामला हाथापाई तक पहुंच गया। आरोपियों ने पिस्टल निकाल ली और वैभव पर गोली चला दी।
कौन हैं जिप्पी तिवारी?
प्रेम प्रकाश उर्फ जिप्पी तिवारी डुमरियागंज से भाजपा के पूर्व विधायक रहे हैं। फिर 2014 में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। जबकि इस साल के विधानसभा चुनाव में, उन्होंने भाजपा के लिए प्रचार किया था। वहीं मृतक वैभव सिद्धार्थनगर के जगतपुर गांव से प्रधान भी थे। वह लखनऊ में रहकर प्रॉपर्टी का काम कर रहे थे।
गुंडागर्दी पर लगाम?
एक तरफ जहां योगी सरकार खुद को गुंडागर्दी पर लगाम लगाने वाली सरकार बताकर अपना पीठ थपथपा रही है। हाल ही में अपराधियों के एनकाउंटर को लेकर अपराध मुक्त यूपी बनाने की बात भी जोरशोर से प्रचारित की गई। ऐसे में विधानसभा भवन से महज 300 मीटर की दूरी पर हुई भाजपा के पूर्व विधायक के बेटे की हत्या सूबे की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा रही है।