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08 September 2015

महाराष्ट्र: मांस बिक्री विवाद में शिवसेना भी कूदी

गूगल

भाजपा और कुछ अन्य संगठनों की मांग पर पिछले दिनों महाराष्ट्र की भाजपा-शिवसेना सरकार ने राज्य में जैन समुदाय के उपवास के दौरान चार दिन के लिए मांस की बिक्री पर रोक लगाई थी। इस अवधि में जैन समुदाय के लोग उपवास पर्यूषण करेंगे। शिवसेना और भाजपा शासित बृहन्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त अजय मेहता की ओर से जारी आदेश के मुताबिक चार दिनों- 10, 13, 17 और 18 सितंबर को मांस बिक्री पर प्रतिबंध होगा। हालांकि, निकाय अधिकारियों ने दावा किया कि यह नया फैसला नहीं है और ऐसा कई वर्षों से किया जाता रहा है। साथ ही कहा कि मछली और अन्य समुद्री जीवों की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं होगा। निकाय अधिकारियों के अनुसार केवल जैन समुदाय की ओर से ही नहीं बल्कि कुछ भाजपा पार्षदों की ओर से उठी मांग के कारण भी यह फैसला किया गया है। निकाय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, इन चार दिनों में बीएमसी बूचड़खाना बंद रहेगा और मांस की बिक्री पर भी प्रतिबंध रहेगा। 

भाजपा ने इस फैसले को प्रतिबंध की बजाय धर्मनिरपेक्षता की भावना में सभी समुदायों के प्रति सहिष्णुता बरतना बताया। निकाय के फैसले का बचाव करते हुए मुंबई भाजपा इकाई के महासचिव अमरजीत मिश्रा ने कहा कि जैन समुदाय की धार्मिक भावनाओं की रक्षा करते हुए प्रतिबंध लागू किया गया और इसे लक्षित फैसले के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए।

भाजपा की सहयोगी और सरकार में साझेदार शिवसेना ने इस फैसले को गलत बताते हुए कहा कि प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता और आरोप लगाया कि भाजपा समाज के कुछ धड़ों के तुष्टीकरण का प्रयास कर रही है। शिवसेना के संजय राउत ने इसकी तुलना धार्मिक आतंकवाद से की। उन्होंने कहा, सिख, मुस्लिम, ईसाई और जैन अपने आपको अल्पसंख्यक मानते हैं और हम उनका सम्मान करते हैं। शिवसेना प्रवक्ता नीलम गोरहे ने कहा, प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है। बीएमसी भाजपा के दबाव में भावुक हो गई है। सरकार को एक धार्मिक समुदाय को खुश करने के लिए कोई फैसला नहीं लेना चाहिए और संविधान के तहत काम करना चाहिए।

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दिलचस्प बात यह है कि देश के सबसे धनी निगम बीएमसी में भाजपा की सहयोगी शिवसेना बहुमत में है।

इस फैसले का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता सचिन सावंत का कहना है कि आरएसएस की विचारधारा को लागू किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि क्या सरकार तय करेगी कि मैं क्या खाउं, मैं क्या पीयूं, मैं क्या पहनूं, कहां मैं सोउं, क्या बोलूं। देश भर में जो आप देख रहे हैं यह फासिज्म की काली छाया है।

वहीं कुरैशी समुदाय भी इस आदेश का विरोध कर रहा है। समुदाय का कहना है कि अगर मांस पर प्रतिबंध रहता है तो उनके कारोबार को इससे भारी नुकसान होगा और इसकी समीक्षा के लिए वे मेयर के पास जाएंगे। उन्होंने कहा अगर हमें इंसाफ नहीं मिला तो हम उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर करेंगे और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे तथा अनशन करेंगे।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने इस साल मार्च में राज्य में गोमांस पर प्रतिबंध लगा दिया था।

 

 

 

 

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TAGS: महाराष्ट्र, जैन समुदाय, मांस, भाजपा, शिवसेना, तुष्टीकरण, बीएमसी, जैन समुदाय, संजय राउत, Maharashtra, Jain Community, Meat, BJP, Shivsena, Appeasement, BMC, Sanjay Raut, Manish Tiwari
OUTLOOK 08 September, 2015
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