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16 April 2021

दो दर्जन किताबों के लेखक को नौ अस्‍पतालों में भी नहीं मिला एक बेड, हुई मौत; राज्यपाल ने जताई नाराजगी

file photo

दो दर्जन से अधिक किताबों के लेखक रांची विवि के क्षेत्रीय जनजातीय भाषा विभाग के पूर्व विभागाध्‍यक्ष डॉ गिरधारी राम गौंझू नहीं रहे। इलाज के अभाव में उनकी मौत हो गई। क्‍योंकि उनके पास कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं थी। अस्‍पतालों ने कहा उनके पास बेड नहीं है। वे गठिया से पीड़‍ित थे, फेफड़े में भी थोड़ी परेशानी थी। गुरुवार को सांस लेने में उन्‍हें परेशानी हुई तो बच्‍चों ने एडमिट कराने के लिए अस्‍पताल ले गये। प्रभात खबर ने उनके पुत्र के हवाले से बताया है कि रांची के एक नहीं नौ अस्‍पतालों का चक्‍कर लगाया मगर किसी ने एक बेड तक उपलब्‍ध कराना मुनासिब नहीं समझा।

तब रिम्‍स के चिकित्‍सकों से संपर्क किया तो एंबुलेंस पर लाने पर ही देखने की बात कही। बिना कोविड जांच के एंबुलेंस भी ले जाने को तैयार नहीं था। अंतत: अरगोड़ा में ही रैपिड टेस्‍ट कराया गया जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आया। शाम में राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्‍थान ( रिम्‍स) लाया गया तो वहां डॉक्‍टरों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया। डेथ सर्टिफिकेट देने से भी डॉक्‍टरों ने यह कहकर इनकार कर दिया कि मौत रास्‍ते में हो गई है। पोस्‍टमार्टम के बाद ही मृत्‍यु प्रमाण पत्र मिल सकेगा। अंतत: तीन-चार घंटे इंतजार के बाद दुखी परिजन बिना प्रमाण पत्र के ही लाश लेकर हरमू स्थिति आवास ले गये।

उनके बेटे ज्ञानोत्‍तम ने कहा कि अस्‍पतालों का चक्‍कर काटने के दौरान पिता ने कहा कि रिम्‍स मत ले जाना, वहां बेड नहीं मिलेगा और खुद एंबुलेंस पर सवार हो गये। कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक बेड के अभाव में उनकी जान चली जायेगी। राज्‍यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उनके साथ अस्‍पताल प्रबंधन की लापरवाही पर गहरा रोष व्‍यक्‍त किया। कोरोना से लड़ने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीम को सक्रियता से काम करने को कहा। कोरोना जांच में तेजी लाने पर जोर दिया। कहा कि कोरोना जांच की रिपोर्ट का लंति रहना खराब कार्यशैली को दिखाता है। हमें टेस्टिंग, रिपोर्ट और उपचार पर ध्‍यान देने की अत्‍यंत आवश्‍यकता है।

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राज्‍यपाल और मुख्‍यमंत्री से लेकर बड़ी संख्‍या में शिक्षाविदों, संस्‍कृतकर्मियों आदि ने उनके निधन पर शोक जाहिर किया, मगर इलाज के अभाव में उनकी मौत हो गई। शिक्षाविद, साहित्‍यकार और संस्‍कृतकर्मी के रूप में उनकी पहचान थी। झारखण्‍डी कला संस्‍कृति की तिकड़ी में डॉ रामदयाल मुंडा, डॉक्‍टर बीपी केसरी और डॉ गिरिधारी राम गौंझू का नाम था। वह अंतिम कड़ी भी टूट गई। झारखण्‍ड का अमृत पुत्र: मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा, महाराजा मदरा मुंडा, झारखण्‍ड के लोक नृत्‍य, झारखण्‍ड की पारंपरिक कलाएं, झारखण्‍ड की सांस्‍कृतिक विरासत, नागपुरी के प्राचीन कवि, रुगड़ा-खुखड़ी, सदानी नागपुरी सदरी व्‍याकरण, नागपुरी शब्‍द कोश, झारखण्‍ड के लोक गीत, झारखण्‍ड के वाद्य यंत्र, मातृभाषा की भूमिका, ऋतु के रंग मांदर के संग, महाबली राधे कर बलिदान सहित अनेक पुस्‍तकें, कहानी संग्रह, कविता संग्रह उनके नाम हैं।

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TAGS: डॉ गिरधारी राम गौंझू का निधन, झारखंड में कोरोना, रिम्स में लेखक की मौत, झारखंड के राज्यपाल का शोक, Death of Dr. Girdhari Ram Gounjhu, Corona in Jharkhand, Author's death in RIMS, Condolence of the Governor of Jharkhand
OUTLOOK 16 April, 2021
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