मुंबई: साकी नाका रेप-मर्डर कांड पर राज्यपाल कोश्यारी और सीएम ठाकरे आमने-सामने, जानें किसने क्या कहा
मुंबई के साकी नाका में हाल ही में बलात्कार और मौत के मामले में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार एक फिर से आमने-सामने है। दोनों के बीच हाल के दिनों में 'लेटर-वार' छिड़ गई है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक पत्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से महिला सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने की भाजपा की महिला विधायकों की मांग पर विचार करने का आग्रह किया तो ठाकरे ने कहा कि विपक्ष द्वारा की गई मांग को कोश्यारी का समर्थन लोकतंत्र के लिए घातक होगा। ठाकरे ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा राष्ट्रीय मुद्दा है और वह चाहते हैं कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने संसद के चार दिवसीय विशेष सत्र पर चर्चा करने के लिए अपनी मांग रखें।
ठाकरे ने राज्यपाल की भावनाओं का समर्थन करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा का सवाल केवल महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने उत्तर प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, दिल्ली जैसे भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं की एक श्रृंखला का हवाला दिया।
पिछले सप्ताह, भाजपा महिला विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और उनसे राज्य सरकार को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्देश देने का आग्रह किया, ताकि साकी नाका में एक महिला के बलात्कार और हत्या की पृष्ठभूमि में महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर चर्चा की जा सके। इसके बाद कोश्यारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि वह इस मांग पर विचार कर सकते हैं। इसके जवाब में 20 सितंबर को, उद्धव ठाकरे ने कड़े शब्दों में चार पन्नों का पत्र लिखा और विभिन्न राज्यों का हवाला देते हुए कहा कि यह मुद्दा साकी नाका तक ही सीमित नहीं है।
सीएम ठाकरे ने पत्र में लिखा, “एक राज्यपाल के रूप में आपने साकी नाका मामले की पृष्ठभूमि में महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर चिंता जताई है। हम भी उसी को लेकर चिंतित हैं। लेकिन मामला केवल साकी नाका तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रव्यापी समस्या है और इसलिए पूरा महिला समुदाय आपकी ओर आशा से देख रहा है। इस प्रकार, मैं चाहता हूं कि आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस पर विस्तार से चर्चा करने के लिए संसद का चार दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की मांग करें। उसी सत्र मे साकी नाका मामले पर भी चर्चा की जा सकती है।”
उन्होंने बताया कि कैसे राज्य सरकार और मुंबई पुलिस ने साकी नाका मामले में तेजी से कार्रवाई की और संदिग्धों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि लंबे समय से विभिन्न मुद्दों को लेकर कोश्यारी और एमवीए सरकार आमने-सामने है। राज्यपाल को विधान परिषद के सदस्यों के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए पिछले साल नवंबर में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित 12 नामों को मंजूरी देना बाकी है। प्रत्येक छह वर्ष में, राज्य सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल द्वारा राज्य विधानमंडल के ऊपरी सदन के लिए 12 सदस्यों को मनोनीत किया जाता है।