राज्यपाल बोले- तेलंगाना पूरे देश के लिए बना मॉडल, अब तक किसानों को 65 हजार करोड़ रुपए की दी सहायता राशि
तेलंगाना विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल तमिलसाई सौंदरराजन के अभिभाषण से शुरू हुआ। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की प्रशंसा करते हुए कहा कि की तेलंगाना का विकास मुख्यमंत्री के लगातार कठिन परिश्रम का परिणाम है। राज्यपाल ने कहा कि पहले तेलंगाना में लगातार बिजली कटती थी और पूरा प्रदेश अंधकार में डूबा रहता था। अब तेलंगाना में 24 घंटे बिजली उपलब्ध है। वहीं हर घर में शुद्ध पेयजल उपलब्ध है। पहले गांव में गरीबी थी, अब तेलंगाना के गांव मॉडल गांव बन गए हैं, जहां जीवन स्तर काफी ऊंचा है। अब मल्टीनेशनल कंपनियां और आईटी कंपनियां तेलंगाना में भरपुर निवेश कर रही है। राज्य के विकास ने गति पकड़ ली है। अब तेलंगाना पूरे देश के लिए मॉडल बन गया है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव(केसीआर) ने फुलों का गुलदस्ता भेंट कर राज्यपाल का स्वागत किया। राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच तथाकथित विवाद की खबरें भ्रामक साबित हुई। राज्यपाल ने तेलंगाना सरकार के दर्जनों उपलब्धियों की अपने अभिभाषण में विस्तार से चर्चा की।
राज्यपाल ने कहा कि तेलंगाना में वर्ष 2014-15 में प्रतिव्यक्ति आय एक लाख 24 हजार 104 रुपए था, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर तीन लाख 17 हजार 115 रुपए पहुंच गया है। इस भारी विकास दर के लिए मैं तेलंगाना सरकार को बधाई देती हूं। राज्यपाल ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने रायतुबंधु योजना के तहत तेलंगाना के 65 लाख किसानों को कृषि कार्य में सहायता हेतु 65 हजार करोड़ रुपए की राशि वितरित की है। देश के किसी भी राज्य में किसानों को इतनी आर्थिक मदद कभी नहीं मिली है। राज्यपाल ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने राज्य के किसानों को रायतुबीमा योजना के तहत प्रत्येक किसान को 5 लाख की बीमा प्रदान किया है। लेकिन किसी भी किसान को एलआईसी का प्रीमियम नहीं देना पड़ता है। तेलंगाना सरकार एलआईसी को प्रीमियम की पूरी राशि देती है।
राज्यपाल ने कहा कि तेलंगाना में बिजली उत्पादन क्षमता पहले 7,778 मेगावॉट थी। लेकिन अब तेलंगाना की विद्युत उत्पादन क्षमता 18,453 मेगावाट पहुंच गई है। इसी प्रकार दलितबंधु योजना के तहत दलित परिवार को 10 लाख रुपए का ग्रांट दिया जाता है। इससे दलित युवा रोजगार कर पाते हैं। इस 10 लाख की राशि में दलित युवाओं को कोई भी राशि वापस नहीं करना पड़ता है। तेलंगाना सरकार ने अनूसूचित जनजाति के आरक्षण को छह प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है।