गुजरात चुनाव: दोपहर तक 30.31 फीसदी मतदान
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात की 89 सीटों पर आज दोपहर तक 30 फीसदी से अधिक मतदान हुआ।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, सुबह 8 बजे से दोपहर के 12 बजे के बीच 30.31 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले। मतदान शाम 5 बजे तक चलेगा।
सबसे अधिक 38.07 फीसदी मतदान आदिवासी बहुल तापी जिले में दर्ज किया गया, जबकि दक्षिण गुजरात में आदिवासी बहुल अन्य जिले नर्मदा में सबसे कम 25.67 फीसदी मतदान हुआ।
गुजरात के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी बी बी स्वैन ने कहा कि मतदान शाम 5 बजे खत्म होगा हालांकि प्रक्रिया समाप्त होने से पहले मतदान केंद्रों के बाहर कतार में खड़े हो चुके लोगों को वोट डालने दिया जाएगा।
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि सूरत और कुछ अन्य केंद्रों में ईवीएम में तकनीकी खामियों की खबरें आई थीं हालांकि मशीनों को बदलने के बाद चुनाव प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई।
इस चरण में कुल 977 उम्मीदवार अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। चुनाव में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जीतू वघानी, मंत्री बाबू बोखिरिया और कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन मोढवाडिया सहित कई सियासी दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी राजकोट पश्चिम से मैदान में हैं। विजय रुपाणी ने अपनी पत्नी के साथ सुबह 9 बजे अपना वोट डाला। वोटिंग शुरू होने के साथ ही गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने लोगों से बड़ी संख्या में वोट करने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने कहा कि वो बहुत आश्वस्त हैं और चुनौती का सवाल ही नहीं है।
बीजेपी नेता जीतू वघानी ने वोट डालने के बाद भावनगर की सभी 7 सीटों पर जीत का विश्वास जताया। इस बीच पोरबंदर में अर्जुन मोढवाडिया के पोलिंग बूथ पर तकनीकी खामी के चलते वोटिंग में देरी हुई।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने अंकलेश्वर की भरूच सीट पर अपने मत का प्रयोग किया। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस 110 से ज्यादा सीटें जीतेगी।
बता दें कि पहले चरण वाले मतदान के क्षेत्र में गुजरात का सौराष्ट्र-कच्छ और दक्षिण गुजरात शामिल है। इसमें 10 तालुका, 939 गांव और छह नगरपालिकाएं आती हैं।
दूसरे चरण का मतदान 14 दिसंबर को
कड़े मुकाबले वाले दूसरे चरण के लिए मतदान 14 दिसंबर को होगा। इन चुनावों के जरिए भाजपा जहां पांचवी बार सत्ता के गलियारों में वापसी की उम्मीद लगाए है, वहीं कांग्रेस इस चुनाव को अपना खोया आधार वापस पाने के मौके के तौर पर देख रही है।
(पीटीआई से इनपुट के साथ)