ब्लू व्हेल के बाद अब PUBG गेम पर बैन, गुजरात में शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
गुजरात सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर पॉपुलर ऑनलाइन गेम पब जी पर बैन लगा दिया है। गुजरात स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स की सिफारिश पर स्टेट प्राइमरी एजुकेशन डिपार्टमेंट ने सर्कुलर जारी कर इस पॉपुलर गेम पर बैन लगा दिया। सर्कुलर में निर्देश दिया गया है कि जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी प्राथमिक स्कूलों में इस ऑनलाइन गेम को बैन करने के लिए कदम उठाएं।
शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि बच्चों में पनप रही पब जी गेम खेलने की आदत को छुड़ाया जाए। शिक्षा विभाग ने सभी प्राथमिक जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया है। इसको लेकर स्कूलाें में जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा।
देशभर में इस गेम को बैन करने का प्रस्ताव रखा है
गुजरात चाइल्ड राइट बॉडी की अध्यक्षा जागृति पांड्या ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयुक्त यानी एनसीपीसीआर ने देशभर में इस गेम को बैन करने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने आगे कहा कि एनसीपीसीआर ने सभी राज्यों को लेटर लिखकर इस तरह के गेम पर बैन लगाने की बात कही है। पांड्या ने बताया कि इस ऑनलाइन गेम के नकारात्मक पहलुओं को देखते हुए इस गेम पर बैन लगाया गया है।
स्टूडेंट्स के अलावा बड़े-बुजुर्गों पर भी देखा जा रहा है इस गेम का असर
मोबाइल पर खेले जाने वाला पब जी काफी पॉपुलर गेम है। इस गेम ने भारत में जल्दी ही अपना मार्केट बना लिया था और ये गेम सभी को काफी पसंद आ रहा है। बच्चों के साथ ही कॉलेज स्टूडेंट्स के अलावा बड़े-बुजुर्गों पर भी इस गेम का असर देखा जा रहा है। इस गेम में आपको मिशन्स मिलते हैं, जिसे आपको पूरा करना होता है और धीरे-धीरे इसके मिशन हार्ड होने लगते हैं। न सिर्फ इस गेम ने बल्कि गेम के ग्राफिक्स ने भी सभी को अट्रैक्ट किया है।
पढ़ाई से भटक रहे हैं बच्चे
इस गेम के चलते बच्चे पढ़ाई से भटक रहे हैं। गुजरात से पहले ऐसी खबर आई थी कि महाराष्ट्र सरकार मे भी इस गेम पर रोक लगा दी है हालांकि ये महज अफवाह निकली थी लेकिन गुजरात सरकार ने इस बात पर सख्ती दिखाते हुए बकायदा नोटिस जारी किया है। इससे पहले ब्लू व्हेल गेम की वजह से कुछ बच्चों की जान गई थी, जिसके बाद ब्लू व्हेल गेम को बैन कर दिया गया था।
क्या था ब्लू व्हेल गेम?
ब्लू व्हेल गेम एक ऑनलाइन टास्क गेम था। इसको खेलने वाले को कई चुनौतियों से गुजरते हुए अंत में खुद की जान लेनी होती थी। यह गेम कहीं से डाउनलोड नहीं होता था और ना ही इसका कोई ऐप था। यह रैंडम वेबसाइट्स पर मिलता था, जहां से फोन पर कांटैक्ट किया जाता था और कोई क्यूरेटर 50 दिनों तक इसे खेलने वाले को अलग-अलग टास्क देता था। ये टास्क इस तरह तय किए जाते थे, जिससे इसे खेलने वाले का आत्मविश्वास और मनोबल कम होता जाता था और अंत में वह अपनी जान ले लेता था। हर टास्क को पूरा करने पर हाथ पर एक कट लगाने के लिए कहा जाता था। जिससे आखिर में व्हेल का निशान हाथों पर उभरता था। इसमें हाथ पर ब्लेड से एफ-57 उकेरकर फोटो भेजने को कहा जाता था। साथ ही सुबह 4:20 बजे उठकर हॉरर वीडियो देखने के लिए और क्यूरेटर को भेजने के लिए कहा जाता था। सुबह ऊंची से ऊंची छत पर जाने को कहा जाता था। व्हेल बनने के लिए तैयार होने पर अपने पैर में 'यस' उकेरना होता था और ना तैयार होने पर खुद को चाकू से कई बार काटकर सजा देना होता था। इस तरह इसमें कई खतरनाक स्टेप अपनाने के लिए बहकाया जाता था।
इस गेम से बिगड़ रही है बच्चों की मानसिक स्थिति
बताया जा रहा है कि ये एक ऐसा ऑनलाइन गेम है जिसके चलते कई छात्रों की मानसिक स्थिति तक बिगड़ते देखी गई है। इससे जुड़ी कई खबरें भी आती रही। इससे पहले भी कई जगह इस गेम को बैन करने की बातें सामने आती रही हैं। बच्चों में खासकर इसके बहुत ज्यादा क्रेज देखा गया है।