डेंगू से एक बच्चे समेत तीन की मौत, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में डेंगू के बढते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए इस बीमारी की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के बारे में केंद्र और शहर की सरकार से आज जवाब मांगा। दिल्ली में डेंगू की चपेट में आने से तीन और लोगों को जान गंवानी पड़ी है, जिसमें सात साल का एक बच्चा भी शामिल है। इन मौतों के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू से हुई मौतों का आंकड़ा अब 14 हो गया है। जबकि दिल्ली-एनसीआर में यह आंकड़ा 28 पहुंच गया है। दक्षिण दिल्ली में रहने वाली 41 साल की एक महिला और 14 साल के एक लड़के की कल बुधवार को ही मौत हुई थी जबकि सात साल के एक लड़के ने आज इलाज को दौरान बी एल कपूर अस्पताल में दम तोड़ दिया। डेंगू को लेकर सरकार भले ही कदम उठाने की बात कह रही हो लेकिन नए मामले हर रोज सामने आ रहे हैं।
प्रमुख न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने तीन नगर निगमों और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) से भी बीमारी की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने को कहा है। पीठ ने इसे एक गंभीर मामला बताते हुए केंद्र, दिल्ली सरकार, नगर निगमों और एनडीएमसी को नोटिस जारी करके 24 सितंबर से पहले अपना लघु शपथपत्र दायर करने को कहा है। इस बीच अदालत ने उन अस्पतालों के निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने से परहेज किया जिन्होंने डेंगू से मरने वाले एक सात वर्षीय बच्चे का उपचार करने से कथित रूप से इनकार कर दिया था। उस बच्चे के माता-पिता ने भी बाद में आत्महत्या कर ली थी।
कानून की एक छात्रा गौरी ग्रोवर ने एक याचिका दायर करके प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिए जाने की मांग की है। याचिका में दावा किया गया है कि अस्पतालों की बेरूखी के कारण बच्चे की मौत हो गई।