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04 May 2015

हाई कोर्ट ने मोगा बस कांड मामले से खुद को अलग किया

पीटीआाइ

यह वही मामला है, जिसमें कथित तौर पर बस से फेंके जाने के बाद एक किशोरी की मौत हो गई थी। उच्च न्यायालय ने मोगा कांड के बारे में उसे लिखे गए पत्र पर स्वत: संज्ञान लिया। इस मामले की पीड़िता किशोरी की गुरूवार को मौत हो गई थी। किशोरी और उसकी मां के साथ बस में कथित तौर पर छेड़छाड़ की गई और फिर उन्हें बस से फेंक दिया गया। यह बस ऑर्बिट एविएशन की थी जिसके मालिक मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के रिश्तेदार हैं।

सोमवार को जब यह मामला न्यायाधीश सतीश कुमार मित्तल और हरिंदर सिंह सिद्धू की खंड पीठ के सामने आया तो पीठ ने इस मामले से हाथ खींचते हुए इसे किसी अन्य पीठ को सौंपे जाने के लिए मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया। मामले की सुनवाई से हटने का कोई कारण नहीं बताया गया। अब उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश यह फैसला करेंगे कि इस मामले की सुनवाई कौन सी पीठ करेगी। यह मामला कल सुनवाई के लिए आ सकता है।

तीन दिन के गतिरोध के बाद पीड़ित लड़की का अंतिम संस्कार रविवार को कर दिया गया है। बस मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की मांग पूरी होने से पहले परिजन लड़की के अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं थे।

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TAGS: हाई कोर्ट, मोगा बस कांड, छेड़छाड़ मामला, ऑर्बिट एविएशन, प्रकाश सिंह बादल, सतीश कुमार मित्तल, हरिंदर सिंह सिद्धू, High Court, Moga bus scandal, molestation case, Orbit Aviation, Parkash Singh Badal, Satish Kumar Mittal, Harinder Singh Sidhu
OUTLOOK 04 May, 2015
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