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09 December 2015

अदालत को पाटिल की गवाही पर संदेह, सलमान को राहत संभव

एक अक्तूबर, 2002 को सलमान के खून जांच की रिपोर्ट आने के बाद पाटिल ने एक मजिस्ट्रेट के सामने यह बयान दिया कि सलमान ने उस रात शराब पी थी और उन्होंने गाड़ी को तेज गति से चलाने को लेकर अभिनेता को चेताया था कि लेकिन सलमान ने उनकी बात पर गौर नहीं किया। न्यायमूर्ति ए आर जोशी ने इस मामले में मुंबई की एक सत्र अदालत द्वारा इस साल छह मई को पांच वर्ष की जेल की सजा सुनाए जाने के खिलाफ अभिनेता द्वारा दाखिल की गई याचिका पर फैसला लिखवाते समय यह बात कही।

दुर्घटना के कुछ घंटे बाद ही पाटिल ने 28 सितंबर, 2002 को इस बाबत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अपनी प्राथमिकी में उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया था कि सलमान नशे की हालत में कार चला रहे थे या नहीं। न्यायाधीश ने आज कहा कि पाटिल की गवाही संदेह के घेरे में है क्योंकि जब बाद में उनका बयान दर्ज किया गया तो उसमें उन्होंने फेरबदल किया। लगातार तीसरे दिन अदालत में फैसला लिखवाते हुए न्यायाधीश ने कहा इसको देखते हुए, उनकी (पाटिल की) गवाही पर पूरी तरह विश्वास नहीं किया जा सकता।

वकीलों, पत्रकारों और कानून के छात्रों से भरी अदालत में न्यायमूर्ति जोशी ने कहा कि उनके बयान को आंशिक तौर पर विश्वसनीय माना जा सकता है।  रवींद्र पाटिल की वर्ष 2007 में मौत हो गई थी और वह सत्र अदालत में ट्रायल के समय उपलब्ध नहीं थे। सलमान अदालत नहीं आए लेकिन उनकी बहन अलविरा खान-अग्निहोत्री मौजूद थीं।

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TAGS: Bombay HC, Salman Khan, Hit and Run case, Ravindra Patil, न्यायमूर्ति ए आर जोशी, बंबई हाईकोर्ट, सलमान खान
OUTLOOK 09 December, 2015
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