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30 October 2015

हाईकोर्ट का केजरीवाल को झटका, बिजली कंपनियों को राहत

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा इन तीनों कं‌पनियों की ऑडिट करने पर बड़ा घपला उजागर हुआ था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति आर. एस. एंडलॉ ने कहा कि हमने डिसकॉम की याचिका स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के पास सीएजी ऑडिट का अधिकार नहीं है।

डिसकॉम के तहत टाटा पावर दिल्ली वितरण लिमिटेड (टीपीडीडीएल), बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड तथा यमुना पावर लिमिटेड नामक तीन बिजली वितरण कंपनियां आती हैं। दिल्ली सरकार ने 7 जनवरी 2014 को सीएजी द्वारा इन कंपनियों के खातों की जांच कराने का आदेश दिया था जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। डिसकॉम ने सीएजी ऑडिट पर रोक लगाने से इनकार करने के हाईकोर्ट के एकल पीठ के फैसले को भी चुनौती दी थी। एकल पीठ ने 24 जनवरी 2014 को आदेश जारी किया था कि डिसकॉम को सीएजी की ऑडिट प्रक्रिया में पूरा सहयोग करना चाहिए।

उधर आप आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने कहा कि हम इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। आखिर बिजली कंपनियां ऑडिट कराने से इतना घबरा क्यों रही हैं।

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TAGS: DISCOMS, AAP, Power Audit, हाईकोर्ट, आशुतोष, यमुना पावर, बीएसईएस
OUTLOOK 30 October, 2015
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