Advertisement
16 April 2016

नाबालिग पीड़िता के हिरासत पर पुलिस से हाईकोर्ट के तीखे सवाल

16 साल की लड़की की मां ताज बेगम ने आज उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपनी बेटी और दो दूसरे परिजनों की पुलिस की अवैध हिरासत से रिहाई की मांग की। ताज के वकील परवेज इमरोज ने यह जानकारी दी। इमरोज ने कहा कि न्यायमूर्ति एम एच अतर ने राज्य को नोटिस जारी करने के अलावा हंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक और संबंधित पुलिस थाने को निर्देश दिया कि वे अदालत को बताएं कि उन्होंने किस कानून के तहत नाबालिग लड़की, उसके पिता और उसकी मौसी को 12 अप्रैल की घटना के बाद से हिरासत में रखा हुआ है।

उन्होंने कहा कि अदालत ने पुलिस को लड़की को बयान दर्ज कराने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने का भी निर्देश दिया। इमरोज ने कहा, ‘अदालत ने यह भी कहा कि लड़की के पिता और उसकी मौसी को प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सामने पेश होने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।’ उन्होंने कहा कि मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 अप्रैल की तारीख तय की गई है।

ताज बेगम ने इमरोज के माध्यम से दायर की गई अपनी याचिका में दलील दी कि उसकी बेटी, पति और बहन को संविधान की धारा 21 के तहत सुनिश्चित किए गए सांवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए अवैध हिरासत में रखा गया है। वकील ने अदालत से यह भी कहा कि याचिकाकर्ता को अपनी नाबालिग बेटी, पति और बहन की जान खतरे में होने की आशंका है। मंगलवार को हंदवारा में एक जवान द्वारा लड़की से कथित छेड़छाड़ के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई।

Advertisement

घटना के अगले दिन विरोध प्रदर्शन के दौरान कुपवाड़ा के नाथनुसा इलाके में इस तरह के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक और व्यक्ति की मौत हो गई। लड़की ने हालांकि अपने यौन उत्पीड़न की बात से इनकार किया। सेना ने इसे लेकर उसके बयान का एक कथित वीडियो जारी किया है। हालांकि लड़की की मां ने आज दावा किया कि वीडियो में बयान देने के लिए उसकी बेटी पर दबाव डाला गया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: J&k, Handwara, Justice M H Attar, हाईकोर्ट, यौन उत्पीड़न, हंदवाड़ा, जम्मू कश्मीर
OUTLOOK 16 April, 2016
Advertisement