Advertisement
29 June 2015

मीणा बने रहेंगे एसीबी चीफ, हाईकोर्ट ने नहीं लगाई रोक

PTI

नई दिल्‍ली। दिल्‍ली की सत्‍ता पर कब्‍जे को लेकर उपराज्‍यपाल और मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच चल रही जंग में नया मोड़ आया है। दिल्‍ली हाईकोर्ट ने उपराज्‍यपाल की ओर से नियुक्‍त भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो के चीफ मुकेश कुमार मीणा को नियमानुसार काम करते रहने को कहा है। जबकि दिल्‍ली सरकार ने मीणा के दफ्तर में प्रवेश और एसीबी के कामकाज में दखलअंदाजी पर रोक लगाने की मांग की थी। दिल्‍ली सरकार की पर अनुरोध पर हाईकोर्ट ने कोई आदेश जारी नहीं किया है। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र को नोटिस भेजकर दो हफ़्ते में जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।

जस्टिस वीपी वैश्‍य मीणा ने एसीबी मुख्‍यालय से एफआईआर बुक हटाने, नई एफआईआर दर्ज करने और मुख्‍यालय में तैनात अर्द्धसैनिक बलों को हटाने की मांग भी अस्‍वीकार कर दी है। आम आदमी पार्टी की ओर से पैरवी करते हुए वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता इंदिरा जयसिंह ने मीणा को एसीबी के अफसरों पर दबाव बनाने से रोकने के लिए अदालत का मार्गदर्शन मांगा था। हाईकोर्ट ने मीणा को कानून के अनुसार काम करने को कहा है। गौरतलब है कि उपराज्‍यपाल नजीब जंग ने दिल्ली पुलिस में जॉइंट कमिश्नर मीणा को भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो का प्रमुख बनाया था। जबकि दिल्‍ली सरकार ने आईपीएस अधिकारी एसएस यादव को इसका प्रमुख नियुक्‍त किया हुआ है। दिल्‍ली सरकार ने मीणा पर पद के दुरुपयोग और एसीबी के अधिकारियों को धमकाने के आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। एसएस यादव ने भी मीणा पर उन्‍हें परेशान करने और धमकाने के आरोप लगाए हैं। 

इंदिरा जयसिंह ने कहा है कि मीणा ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्‍टाचार के सभी मामले एसीबी से दिल्‍ली पुलिस को ट्रांसफर करने के लिए कई बार एसीबी के अफसरों पर दबाव डाला। जयसिंह ने यह भी आरोप लगाया है कि केंद्र बार-बार भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो के कामकाज में हस्‍तक्षेप का प्रयास कर इसके सुचारू रूप से कामकाज में बांधा उत्‍पन्‍न कर रहा है। एसीबी से इस प्रकार का दखल हटते ही भ्रष्‍टाचार की बहुत-सी शिकायतें सामने आतीं। 

Advertisement

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: एसीबी, चीफ, मुकेश कुमार मीणा, अरविंद केजरीवाल, नजीब जंग, हाईकोर्ट, याचिका
OUTLOOK 29 June, 2015
Advertisement