बिहार के हेल्थ सिस्टम पर लगा ग्रहण!, जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ने बढ़ाई नीतीश सरकार की मुश्किलें
बिहार में पहले से हीं डॉक्टरों की किल्लत है और हेल्थ सिस्टम चरमराई हुई है। वहीं, राज्य के जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल हैं। ये हड़ताल डॉक्टरों ने बुधवार को शुरू किया था। लेकिन, गुरूवार को भी ये हड़ताल खत्म होती नहीं दिख रही है। एक साथ राज्य के सभी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। कई घंटे बीतने के बाद भी जूनियर डॉक्टरों और सरकार के बीच वार्ता को लेकर कोई पहल नहीं हुई है।
डॉक्टरों के हड़ताल का बुरा असर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ रहा है। हड़ताल से बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल प्रभावित हैं, जहां ओपीडी और इमरजेंसी सेवा पर इसका असर देखने को मिल रहा है।
जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार के सामने अपनी कई मांगो को रखा है। जिसमें स्टाइपेंड में बढ़ोतरी करने की मांग की गई है। डॉक्टरों का कहना है कि हड़ताल अनिश्चितकालीन होगा। बिहार में हेल्थ सिस्टम खास तौर से जूनियर डॉक्टरों पर टिका हुआ है। यदि राज्य में यही आलम रहता है तो मरीजों की मुश्किलें और बढ़ने का आशंका है। डॉक्टरों की हड़ताल से ओपीडी और इमरजेंसी सेवा ठप हो गई है। डॉक्टर सिर्फ कोविड ड्यूटी ही दे हैं।
जेडीए को रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन दिया है और मांगों को जायज बताया है। हड़ताल की जानकारी डॉक्टरों ने अस्पताल के प्राचार्य के साथ स्वास्थ्य विभाग को भी दी है। यदि इसे जल्द नहीं हल किया जाता है तो राज्य सरकार और लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।