रूपा तिर्की की मौत की अब उच्च न्यालाय के पूर्व न्यायधीश करेंगे जांच, हेमंत सरकार का फैसला
रूपा तिर्की की मौत, जिसको लेकर झारखंड की राजनीति गरमाई हुई थी उस मामले में हेमंत सरकार ने नया मोड़ दे दिया है। अब रांची उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद से अवकाश ग्रहण कर चुके विनोद कुमार गुप्ता मामले की जांच करेंगे।
साहिबगंज जिला की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की पिछले माह अपने सरकारी आवास में मृत पायी गई थी। भाजपा सहित अनेक पार्टियों के नेता और रूपा के परिजन इसे हत्या बता सीबीआइ से जांच की मांग कर रहे थे। सीबीआइ जांच के लिए हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। छह जून को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में भाजपा के एक शिष्टमंडल ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर रूपा तिर्की की हत्या की आशंका जाहिर करते हुए इसकी सीबीआइ से जांच की मांग की थी।
उसके अगले दिन सात जून को ही राज्यपाल ने पुलिस महानिदेशक को राजभवन तलब किया और पूरी जानकारी लेने के बाद अनुसंधान को सही दिशा प्रदान करने का निर्देश दिया। इसके बाद झामुमो ने हमलावर हो गया और संघीय ढांचे पर प्रहार करार दिया। राज्यपाल के हस्तक्षेप के तरीके पर आपत्ति की।
उसके दो दिन पहले ही राज्य सरकार ने ट्राइबल एडवाजरी कमेटी रूल्स में संशोधन करते हुए नई नियमावली जारी की थी जिसमें सदस्यों के मनोनयन से राज्यपाल को बाहर कर दिया था। इससे राजभवन और सरकार के बीच भीतर ही भीतर तनातनी का माहौल था। डीजीपी को राजभवन तलब करने के बाद यह और गरम हो गया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसमें पहल करते हुए रुपा तिर्की मामले को नया मोड़ दे दिया। और सीबीआइ जांच की मांग से इतर रांची हाई कोर्ट के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एकल जांच आयोग गठित कर दी। आयोग को छह माह के भीतर जांच कर रिपोर्ट सरकार को सौंपने की मियाद तय की गई है।
विनोद गुप्ता पूर्व में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। कहा गया है कि इस संबंध में बोरिओ थाना में दर्ज मामले की जांच की प्रक्रिया पूर्ववत जारी रहेगी। बता दें कि मौत पर विवाद के बाद राज्य सरकार ने एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी ने भी अपनी रिपोर्ट में रुपा तिर्की की मौत को आत्महत्या माना है।